हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में पहाड़ के दरकने से हुए हादसे के बाद सुरक्षाबल और प्रशासन के लिए राहत एवं बचाव कार्य शुरू करना मुश्किल हो रहा है।
रिकांग पिओ में तैनात इंडो तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पहाड़ से टूटकर अब भी पत्थर गिर रहे हैं, जिसकी वजह से मौके पर पहुंचना अत्यंत कठिन है। ताजा जानकारी के मुताबिक मलबे में फंसे करीब 50 लोगों में से अभी तक करीब 9 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किन्नौर हादसे के तुरंत बाद सीएम जयराम ठाकुर को फोन कर पूरी जानकारी ली और मदद का भरोसा दिया। पीएम मोदी ने केंद्र की ओर से सभी संभव सहायता करने का आश्वासन दिया। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री जयराम से बात की थी। गृह मंत्री ने ITBP से स्थिति पर नजर बनाए रखने और राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
किन्नौर भूस्खलन: दो की मौत, 30 लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
इधर, किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि मेरे चुनाव क्षेत्र किन्नोर के नुगुलसरी में ये हादसा हुआ है। लैंडस्लाइड के कारण बस दब गई है। छोटी कार और एक ट्रक के भी दबने की खबर आ रही है। राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने की सभी संभव कोशिशें की जा रही हैं। वहीं, ITBP की तरफ से बताया गया है कि 17वीं, 19वीं और 43वीं बटालियन रिकांग पिओ से शिमला को जोड़ने वाले हाईवे के लिए रवाना हो चुकी है।
ITBP ने घटना को लेकर कहा है कि पहाड़ से टूटकर पत्थरों का गिरना जारी है, जिसके कारण मौके पर पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि ITBP के जवान पूरी तरह से तैयार हैं, राहत एवं बचाव का काम शुरू कर दिया गया है। स्थिति सामान्य होते ही इस काम में और तेजी आएगी।