राजस्थान के कोटा में पतंगबाजी के शौक ने मकर संक्रांति पर एक मासूम की जान ले ली। पतंग लूटने के चक्कर में 14 वर्षीय एक बालक की ट्रेन की चपेट में आ जाने से दर्दनाक मौत हो गई। हादसे का शिकार हुआ बालक अपने माता-पिता एक ही बेटा था। हादसे के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मच गया।
वहीं पूरा मोहल्ला गमगीन हो गया। पुलिस ने परिजनों की मांग पर शव को बिना पोस्टमार्टम करवाये ही उनको सौंप दिया। बालक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। वहीं राजधानी जयपुर में दोपहर तक करीब डेढ़ दर्जन लोग पतंगबाजी में घायल होकर सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचे हैं।
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जानकारी के अनुसार कोटा में हादसा शहर के रेलवे कॉलोनी थाना स्टेशन इलाके में हुआ। वहां महात्मा गांधी कॉलोनी निवासी 14 वर्षीय बालक करम बैरवा कुछ सामान खरीदने अपने घर से निकला था। इस दौरान वह रास्ते में एक पतंग को लूटने के लिये उसके पीछे दौड़ा। वह भागते-भागते कब दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रेक पर जा पहुंचा उसे ही पता नहीं चला। इसी दौरान वहां से अवध एक्सप्रेस ट्रेन गुजरी। पतंग लूटने के फेर में बालक का ध्यान ट्रेन की तरफ नहीं गया और वह उसकी चपेट आ गया। ट्रेन की चपेट में आते ही उसके चीथड़े उड़ गये और मौके पर ही मौत हो गई।
घटनास्थल से कुछ लोगों ने पुलिस और बालक करम के पिता सत्यनारायण को सूचना दी। हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। घटना के बाद करम के पिता सत्यनारायण, उसकी मां और उसकी छोटी बहन के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने वहां बिखरे पड़े बालक के शव को एकत्र किया।
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मृतक के परिजनों उसका पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया। उसके बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। घटनास्थल के हालात देखकर लोगों का कलेजा मुंह को आ गया। दिल्ली मुम्बई ट्रेक पर करम के जूते और पतंग का मांझा बिखरा पड़ा था। करम सातवीं कक्षा में पढ़ता था।