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दिल्ली की ‘नाकेबंदी’ के लिए सड़कों पर उतरे किसान, KMP एक्सप्रेस-वे जाम

दिल्ली की 'नाकेबंदी'

दिल्ली की 'नाकेबंदी'

नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी को कानूनी दर्जा दिया जाए। इन मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं- सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के शनिवार को 100 दिन पूरे हो गए हैं।

किसानों ने अपनी पूर्व की घोषणा के अनुसार, आज केएमपी एक्सप्रेस-वे सहित दिल्ली की ओर आने वाले रास्ते जाम करना शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक यह नाकेबंदी रहेगी।

केएमपी एक्सप्रेस-वे पर किसान धरना देंगे और टोल पर प्रदर्शन करेंगे। इसके मद्देनजर शुक्रवार देर रात से ही सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं केएमपी एक्सप्रेस-वे जुड़े सीमावर्ती इलाकों के जिलाधिकारियों को खुद व्यवस्था पर नजर रखने को कहा गया है।

‘सोई सरकार को जगाने का बस यही एक तरीका’

कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे को जाम करने पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान ने कहा कि सोई सरकार को जगाने का हमारे पास ये ही रास्ता बचा है। दिल्ली के चारों तरफ जो बॉर्डर हैं उन्हें हमें सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक जाम करेंगे। ये अहिंसक होगा।

अब तक, सरकार के साथ हुई सभी बैठकें और बातचीत निरर्थक रहीं है। किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल सिंह ने बताया कि सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर से सटे केएमपी एक्सप्रेसवे पर जहां टोल होगा वहां नाकेबंदी होगी। सभी टोल मुफ्त कराएंगे। हम शनिवार को काला दिवस के रूप में मनाएंगे। यह नाकंबेदी पूरी तरह शांतिपूर्ण होगी और किसान इसके जरिए अपने आंदोलन को नई दिशा भी देंगे।

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