नई दिल्ली। कृषि, खाद्य और सार्वजनिक वितरण सचिव सुधांशु पांडेय ने हाल ही में कहा कि भारतीय कृषि उत्पादन, जो लगभग 264 अरब डॉलर का है, आर्थिक सुधार का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल रबी की फसल के दौरान लगभग 12 प्रतिशत अधिक खरीद हुई है, जो लगभग 590 लाख टन है। इसने किसानों के हाथों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि पहुंचाई है। वहीं सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में देश में कारोबार सुगमता बढ़ाने के लिए कई तरह की पहल की है।
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सिर्फ सरकार से छूट के भरोसे उत्पादों की लागत नहीं घटाई जा सकती है और कंपनियों को इसके लिए पहल करनी होगी। विशेषज्ञों ने यह बात कही है। एंगलियन ओमेगा समूह और ओमेगा सिकी के चेयरमैन उदय नारंग का कहना है कि कोरोना से हमें यह संदेश दे दिया है कि तकनीक पर निवेश में कोताही अब नहीं चलने वाली है।
इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां कार्बन ट्रेडिंग के जरिये इसकी भरपाई कर सकती हैं। कोरोना संकट की वजह से मुश्किल में फंसी अर्थव्यवस्था को नई तकनीक, युवा आबादी, सरकार का सहयोग और ग्रामीण क्षेत्र से मिल रही मदद निकाल ले जाएगी।
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इससे कोरोना की वजह से घर से काम करने का नया चलन शुरु हुआ है। इसको लेकर भी बाजार में अवसर पैदा हुए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके लिए कंपनियों को नई तकनीक पर निवेशके लिए तैयार रहना होगा।