इन दिनों रमजान (Ramadan) का पाक महीना चल रहा है और इस पाक महीने के आखिर में मनाई जाती है, ईद ( Eid) । दुनियाभर में रहनेवाले करीब 200 करोड़ मुसलमान ईद (Eid) का त्योहार मनाते हैं। हर साल ईद की तारीख (Date of Eid) अलग-अलग होती है और यह चांद देखे जाने पर निर्धारित होता है। कई बार तो खाड़ी देशों में ईद (Eid) पहले मनाई जाती है और उसके अगले दिन बाकी दुनिया ईद (Eid) मनाती है। इसके पीछे चांद का दिखना या ना दिखना कारण होता है। आइए जानते हैं दुनियाभर में ईद (Eid) की तारीख कैसे तय होती है और कई बार अलग-अलग दिन क्यों मनाया जाता है यह त्योहार।
दरअसल, दुनियाभर के मुसलमान इस्लामिक कैलेंडर को मानते हैं, जिसे हिजरी सन भी कहा जाता है। यह चांद पर आधारित है। हिजरी सन की शुरुआत मोहर्रम माह के पहले दिन से होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक देखें तो इस हिजरी सन की शुरुआत 622 ईस्वी में हुई थी। हजरत मोहम्मद मक्का से निकलकर जब मदीना में बस गए तो इसे हिजरत कहा गया। इसी से हिज्र बना और जिस दिन वो मदीना आए, उस दिन से हिजरी कैलेंडर शुरू हुआ।
हिजरी कैलेंडर चंद्रमा का चाल पर निर्धारित है, जो घटती-बढ़ती रहती है। लेकिन हिजरी कैलेंडर के बारे में दिलचस्प बात यह है कि चंद्रमा की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार इसमें दिनों का संयोजन नहीं किया गया। लिहाजा इसके 12 महीने हर साल करीब 10 से 11 दिन पीछे होते रहते हैं। रमजान इस कैलेंडर के 9वें महीने में आता है। इसी इस्लामिक कैलेंडर और चंद्रमा को देखकर न केवल रमजान की तारीखों का निर्धारण किया जाता है, बल्कि ईद (Eid) की तारीख भी तय की जाती है।
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ईद (Eid) अमूमन 29 दिन के रमजान महीने के बाद मनाया जाने वाला त्योहार है, लेकिन उस दिन चांद नजर नहीं आता तो ईद (Eid) अगले दिन मनाई जाती है। चांद के दीदार के आधार पर इसकी तारीख अलग हो सकती है। इमाम, धार्मिक मामलों के प्रमुख या इससे संबंधित संगठनों और संस्थाओं के प्रमुख ईद का चांद देखे जाने की घोषणा करते हैं।
देशों की भौगोलिक स्थिति और खगोलीय आधार पर भी चांद का दीदार अलग-अलग हो सकता है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में ईद कब होगी, इसका फैसला आम जनता में से कुछ लोगों को चांद दिख जाने के आधार पर होता है। कई इस्लामिक देश सऊदी अरब की तय की गई तारीख पर ही ईद (Eid) मनाते हैं।
शिया आबादी वाले देश ईरान में ईद (Eid) की तारीख सरकार तय करती है। वहीं शिया और सुन्नी दोनों की आबादी वाले देश इराक में दोनों समुदायों के लोग अपने-अपने धार्मिक प्रमुखों का अनुसरण करते हैं। धर्मनिरपेक्ष देश तुर्की खगोल विज्ञान की मदद से ईद के दिन का फैसला करता है। जबकि यूरोप में मुसलमान अपने समुदायों प्रमुखों के फैसले के आधार पर ईद मनाते हैं।