धर्म डेस्क। श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है जो कि इस बार 25 जुलाई को है। इस दिन नागों एवं सापों का पूजन किया जाता है। भविष्य पुराण में कहा गया है कि अगर इस दिन नागों को सच्चे मन से दूध चढ़ाया जाए तो भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और सर्पदंश का खतरा भी कम हो जाता है। नाग पंचमी के दिन लोग अपने घरों में गोबर से नाग बनाकर उसकी पूजा करते हैं। साथ ही अगर इस दिन किसी को नाग दिख जाए तो उसे बेहद शुभ माना जाता है। नाग पंचमी को पूर देश में मनाया जाता है। खासतौर से जहां बड़े शिव मंदिर हैं और आदिवासी इलाकों में इसका ज्यादा चलन है। तो चलिए जानते हैं नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त।
नागपचंमी 2020 शुभ मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 42 मिनट से 8 बजकर 24 मिनट तक (25 जुलाई 2020)।
उज्जैन के पंडित मनीष शर्मा के अनुसार, नाग पंचमी पर उस नाग की पूजा नहीं करनी चाहिए जिसे सपेरे द्वारा पकड़ा गया हो। नाग का पूजन हमेशा ही नाग मंदिर में करना चाहिए। ऐसा इसलिए कि जिन नागों को सपेरे पकड़ते हैं उनके दांत तोड़ दिए जाते हैं। वो शिकार करने लायक नहीं रहते हैं और बाद में उनकी मृत्यु हो जाती है। अगर ऐसे नागों की पूजा की जाए तो उनका पाप जो पूजन कर रहा है उसे लगता है। नाग पंचमी पर नागों को दूध नहीं पिलाया जाता है। क्योंकि दूध पीने से नागों की मृत्यु हो जाती है।
नाग पंचमी पर इन बातों का रखें खास ख्याल:
जैसा कि हमने आपको बताया नाग पंचमी पर नागों को दूध नहीं पिलाया जाता है। क्योंकि दूध पीने से नागों की मृत्यु हो जाती है। दूध पीने से नागों के शरीर में जहर फैल जाता है। मृत्यु का दोष लगकर हम शापित हो जाते हैं। इसके अलावा नाग पंचमी के समय मिट्टी की खुदाई पूरी तरह से प्रतिबंधित होती है। वहीं, इस दिन तवा भी चूल्हे पर नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि नाग का फन तवे जैसा होता है ऐसे में माना जाता है कि इस दिन तवे को चूल्हे पर चढ़ाने से नाग के फन को आग पर रखने जैसा होता है।