सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश के निमित्त व्रत रखने और पूजन करने की परंपरा है। इस साल माघ महीना 26 जनवरी से शुरू हो चुका है। इसका समापन 24 फरवरी को होगा। इस माह लंबोदर संकष्टी चतुर्थी (Sakat Chauth) मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करना बहुत लाभकारी होता है। आइए, जानते हैं कि लंबोदर संकष्टी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।
लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी (Sakat Chauth) 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 29 जनवरी को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन यानी 30 जनवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस बार लंबोदर संकष्टी चतुर्थी 29 जनवरी को मनाई जाएगी।
चतुर्थी (Sakat Chauth) पूजा विधि
– चतुर्थी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
– इसके बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
– अब दीपक जलाएं और फूल, माला और दूर्वा घास चढ़ाएं।
– इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें और आरती करें।
– इस अवसर पर बूंदी के लड्डू या मोदक का भोग बप्पा को लगाएं।
– गणपति बप्पा को भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद बांटें।
– चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलें।