• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जानिए छठ पर्व का इतिहास और महत्व, पौराणिक कथा

Desk by Desk
07/11/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
Kharna

chhath puja

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

धर्म डेस्क। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष छठ की पूजा 08 नवंबर को की जाएगी। यह चार दिवसीय पर्व संतान की खुशहाली और अच्छे जीवन की कामना से किया जाता है। सूर्योपासना का यह अनुपम पर्व है। इस व्रत को महिलाओं के साथ पुरुष भी समान रूप से करते हैं।

इस पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है और कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मुख्य पूजा के बाद सप्तमी की सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात पर्व का समापन होता है। यह व्रत अत्यंत ही कठिन होता है क्योंकि इस व्रत में पूरे 36 घंटे तक व्रती बिना कुछ खाए पीए रहता है।

माना जाता है कि छठ का पर्व वैदिक काल से चला आ रहा है। इस व्रत में मुख्यः रूप से ॠषियों द्वारा लिखी गई ऋग्वेद सूर्य पूजन, उषा पूजन किया जाता है। इस पर्व में वैदिक आर्य संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। छठ पूजा का बहुत महत्व माना जाता है। इस पर्व को भगवान सूर्य, उषा, प्रकृति, जल, वायु आदि को समर्पित किया जाता है। यह पर्व बिहार के साथ पूरे देश के कई हिस्सों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दूसरे देशों में बसने वाले प्रवासी भारतीयों के कारण अब ये पर्व विदेशों में भी मनाया जाने लगा है। छठ का महापर्व बिहार की संस्कृति बन चुका है। इस पर्व के संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं।

पौराणिक कथा के अनुसार प्रियंवद नाम के राजा की कोई संतान नहीं थी। तब उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ करवाया। महर्षि कश्यप ने पुत्र की प्राप्ति के लिए यज्ञ करने के पश्चात प्रियंवद की पत्नी मालिनी को आहुति के लिए बनाई गई खीर प्रसाद के रुप में दी। जिससे उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई, परंतु दुर्भाग्यवश वह पुत्र मरा हुआ पैदा हुआ। तब राजा प्रियंवद का हृदय अत्यंत द्रवित हो उठा। वे अपने पुत्र को लेकर श्मशान गए और पुत्र वियोग में प्राण त्यागने लगे।

उसी समय ब्रह्मा की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं और उन्होंने राजा से कहा कि वो उनकी पूजा करें। ये देवी सृष्टि की मूल प्रवृति के छठे अंश से उत्पन्न हुई हैं, इसी कारण ये षष्ठी या छठी मइया कहलाती हैं। राजा ने माता के कहे अनुसार पुत्र इच्छा की कामना से देवी षष्ठी का व्रत किया, जिससे उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। कहते हैं कि इसलिए संतान प्राप्ति और संतान के सुखी जीवन के लिए छठ की पूजा की जाती है।

एक अन्य कथा के मुताबिक छठ पर्व का आरंभ महाभारत काल के समय में हुआ था। कहा जाता है कि इस पर्व की शुरुआत सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके की थी। कर्ण प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े रहकर सूर्य पूजा करते थे एवं उनको अर्घ्य देते थे। सूर्यनारायण की कृपा और तेज से ही वह महान योद्धा बने।

Tags: Chhathchhath 2020Chhath Puja 2020 Datechhath puja historychhath puja kab haichhath puja kab hai 2020chhath puja significancechhath puja tarik 2020chhath puja this yearchhath puja tithisurya puja on chhathछठ त्योहारछठ पर्वछठ पूजाछठ पूजा 2020 कब हैछठ पूजा की पौराणिक कथाछठी मइया का पूजाछठी माताषष्ठी पूजनसूर्य देवता की बहन
Previous Post

सिर्फ सेहत ही नही स्किन को भी प्रभावित करता है प्रदूषण, ऐसे करें इसकी हिफाजत

Next Post

पहली बार छठ पूजा का व्रत कर रहे है ,तो जान लें पूरी पूजन सामग्री

Desk

Desk

Related Posts

IIM organised a chintan shivir for Sai Sarkar
Main Slider

IIM ने साय सरकार के लिए लगाया चिंतन शिविर, नवाचार की आधुनिक तकनीकों पर हुआ गहन विचार-विमर्श

09/06/2025
DGCA suspends Kestrel Aviation
Main Slider

केदारनाथ हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद एक्शन, DGCA ने Kestrel Aviation को किया निलंबित

09/06/2025
CM Dhami
Main Slider

उत्तराखण्ड के लोक साहित्य को डिजिटल स्वरूप में किया जाएगा संरक्षित: मुख्यमंत्री

09/06/2025
PM Modi
Main Slider

सुशासन से विभिन्न क्षेत्रों में आया बदलाव, प्रगति के साथ जीवन में सुगमता बढी: मोदी

09/06/2025
ASP Akash Rao Giripunje
Main Slider

नक्सलियों के बिछाए जाल में फंसे अफसर , IED ब्लास्ट में शहीद हुए ASP

09/06/2025
Next Post
Chhath Puja Samagri

पहली बार छठ पूजा का व्रत कर रहे है ,तो जान लें पूरी पूजन सामग्री

यह भी पढ़ें

Jubin Nautiyal may marry Nikita soon

निकिता से जल्द शादी कर सकते हैं जुबिन नौटियाल

12/03/2022
Glowing Skin

अपनी डाइट में शामिल करें ये फल, जवां और ग्लोइंग बनेगी स्किन

13/11/2024
pm modi

कोई नहीं टक्कर में, कहां पड़े हो चक्कर में…, मोदी ने कॉमनवेल्थ गेम्स जा रहे खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला

20/07/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version