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जानिए प्रदोष व्रत का महत्व और पूजा विधि, इस साल अन्य तिथियां

Desk by Desk
17/09/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म
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Pradosh Vrat

Pradosh Vrat

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हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ, व्रत-उपवास का काफी महत्व होता है। इन ही व्रतों में से एक है प्रदोष का व्रत। जिसके तहत रवि प्रदोष, सोम प्रदोष व शनि प्रदोष के व्रत आते हैं। कहा जाता है कि प्रदोष व्रत करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि भगवान शिव प्रदोष के समय कैलाश पर्वत स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं। ऐसे में उनको प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु प्रदोष व्रत रखते हैं।

हर महीने में जिस तरह दो एकादशी होती हैं। उसी तरह दो प्रदोष भी होते हैं। त्रयोदशी (तेरस) को प्रदोष कहते हैं। हिन्दू धर्म में एकादशी को भगवान विष्णु से और प्रदोष को भगवान शिव से जोड़ा गया है। कहा जाता है कि इन दोनों ही व्रतों से चंद्र का दोष दूर होता है। आइये आज जानते हैं कि प्रदोष व्रत का महत्व क्या है और इस वर्ष में कितने और प्रदोष व्रत रखे जायेंगे।

योदशी (तेरस) को प्रदोष कहा जाता है और हर महीने में दो प्रदोष होते हैं। इसके तहत रवि प्रदोष, सोम प्रदोष व शनि प्रदोष व्रत आते हैं। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष का महत्त्व भी अलग-अलग होता है। प्रदोष का व्रत भोलेनाथ भगवान शिव शंकर को समर्पित है।

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शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार को प्रदोष का व्रत पड़ने पर इसे भौम प्रदोष कहा जाता है। हनुमान जी को भगवान शिव का ही रूद्रावतार माना जाता है। इसलिए मान्यता है कि भौम प्रदोष का व्रत करने से हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति के मंगल ग्रह संबंधी दोष भी समाप्त हो जाते हैं।

व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठें और नित्यकर्म से निपटने के बाद सफेद रंग के कपड़े पहनें। इसके बाद पूजाघर को साफ और शुद्ध करें फिर गाय के गोबर से लीप कर मंडप तैयार करें। इस मंडप के नीचे 5 अलग-अलग रंगों का प्रयोग कर के रंगोली बनायें। फिर उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और शिव जी की पूजा-अर्चना और भोग आरती करें। पूरे दिन किसी भी प्रकार का अन्य ग्रहण न करें।

इस वर्ष के बाकी बचे महीनों की प्रदोष व्रत तिथियां

18 सितंबर- शनि प्रदोष

04 अक्टूबर- सोम प्रदोष

17 अक्टूबर- प्रदोष व्रत

02 नवंबर- भौम प्रदोष

16 नवंबर- भौम प्रदोष

02 दिसंबर- प्रदोष व्रत

31 दिसंबर- प्रदोष व्रत

Tags: pradosh vratpradosh vrat 2021Pradosh Vrat datepradosh vrat importance
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