सनातन धर्म में देवी-देवताओं को पूजा-पाठ में नारियल (Coconut) चढ़ाया जाता है। यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है। नारियल के बिना कोई भी पूजा या अनुष्ठान अधूरा माना जाता है। कोई भी विशेष हवन या अनुष्ठान हो, नारियल का प्रयोग अवश्य ही किया जाता है। सभी प्रकार की पूजाओं में नारियल का उपयोग अवश्य किया जाता है। देवी-देवताओं की पूजा में नारियल प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, नारियल (Coconut) को श्रीफल माना जाता है। इसे देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है। हिंदू धर्म में आमतौर पर पूजा के बाद पंडित जी, यजमान को आशीर्वाद के साथ नारियल भी देते हैं। हालांकि, हमें यह नहीं पता होता कि पूजा के बाद अभिमंत्रित नारियल का क्या किया जाए।
इस तरह करें उपयोग
अभिमंत्रित नारियल (Coconut) को आप कहीं भी रख या टांग सकते हैं। आप इसे भगवान को समर्पित कर प्रसाद के रूप में बांट भी सकते हैं। इससे अभिमंत्रित नारियल का अपमान भी नहीं होगा और सभी में प्रसाद भी वितरित हो जाएगा।
आशीर्वाद में मिला नारियल आपको आशीर्वाद के रूप में दिया जाता है, ऐसे में आप किसी दूसरे व्यक्ति को अपना नारियल देकर नारियल और आशीर्वाद देने वाले का अपमान करते हैं, इसलिए आशीर्वाद में मिले नारियल को किसी को भी न दें।
महत्वपूर्ण है अभिमंत्रित नारियल (Coconut)
आशीर्वाद में लोगों को नारियल (Coconut) दिया जाता है और यजमान को आचार्य और देवी-देवताओं से मंत्रों के द्वारा आशीर्वाद भी दिया जाता है। अभिमंत्रित नारियल बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आप इसे लाल या पीले कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में सुरक्षित रख सकते हैं।
अगर आप आशीर्वाद में मिले नारियल को तिजोरी में नहीं रखना चाहते हैं, तो इसे लाल कपड़े में बांधकर घर के मुख्य द्वार पर लटका दें। ऐसा करने से आपके घर पर देवी-देवताओं की कृपा हमेशा बनी रहेगी।