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जानिए दीवाली पर लक्ष्‍मी पूजा का मुहूर्त, प्रदोष काल, शुभ चौघड़िया और पूजा विधि

diwali

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लाइफ़स्टाइल डेस्क। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली का ये त्योहार खुशियों का त्योहार है। शास्त्रों में दिलावील के दिन किये जाने वाले बहुत से महत्वपूर्ण कार्यों का जिक्र किया गया है, जो हमारी खुशहाली, सुख-सौभाग्य और हमारी आर्थिक तरक्की से जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि राज मार्तण्ड और कालविवेक में दीवाली की रात को ‘सुखरात्रि’ की संज्ञा दी गई। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के साथ लक्ष्मी यंत्र और कुबेर यंत्र की कैसे करें पूजा।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी और दिन शनिवार है | चतुर्दशी तिथि आज दोपहर 2 बजकर 18 मिनट तक रहेगी | उसके बाद अमावस्या शरू हो जाएगी | कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। आज दोपहर 2 बजकर 18 मिनट के बाद से अमावस्या शुरु हो  जाएगी और कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। आज पूरा दिन पार कर देर रात 3 बजकर 15 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा | इसके अलावा आज स्वाती नक्षत्र रात 8 बजकर 9 मिनट तक रहेगा।

दिवाली तिथि और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

व्यापारियों के लिए और व्यावसायिक संस्थाओं के लिए खाता बसना पूजन प्रदोष काल में तीन गुना होने से बलशाली हो रहा है.। इस साल विशेष बात यह है कि महानिशिथकाल, सिंह लग्न और चर चौघड़िया मिलने से अर्धरात्रि वाला मुहूर्त भी तीन गुना बलशाली है। सिंह लग्न में पूजा करने वाले लोगों को ध्यान रखना पड़ेगा कि छठे शनि और आठवें मंगल दान और उपाय करके इस समय पूजा की जा सकती है। इस महानिशिथ काल में रात 11:42 से 1:21 तक चर की चौघड़िया जुड़ जाने से यह काल अत्यंत बलशाली हो जाएगा। रात में 11:42 से 12:08 तक तीनों का बल रहेगा।

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