• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

शनि ग्रह का रत्न है नीलम, बचाएगा कुप्रभाव से, जानें इसे धारण करने के नियम और फायदे

Writer D by Writer D
12/03/2022
in फैशन/शैली, धर्म
0
Neelam

Neelam

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आज शनिवार हैं जो कि शनिदेव (Shani dev) को समर्पित होता हैं। आज के दिन वे सभी उपाय किए जाते हैं जो शनि ग्रह को संतुष्ट करने का कम करें और शनि की कुदृष्टि से आपको बचाए। शनि देव न्याय के देवता है जिनकी कुदृष्टि व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां लेकर आती हैं।

ऐसे में शनि देव की कुदृष्टि और महादशा से बचने के लिए आप नीलम (Neelam) धारण कर सकते है जिसे शनि ग्रह का रत्न माना जाता हैं। लेकिन इसे धारण करने से पहले इसके जरूर नियम जान लेना जरूरी हैं अन्यथा इसका असर उलटा पड़ जाता हैं।

आज इस कड़ी एमें हम आपको नीलम धारण करने के फायदे और नियम की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में…

नीलम की पहचान करने का तरीका

नीलम हमेशा उत्तम क्वालिटी का ही नीलम पहनना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि व्यक्ति की कुंडली में कोई समस्या है तो आसमानी नीले रंग के नीलम का प्रयोग करना चाहिए। नीलम असली है या नकली यह जानने के लिए इसे दूध के बर्तन में रख दें। यदि इसके बाद दूध का रंग नीला दिखने लगे तो रत्न असली है। इसके साथ ही नीलम रत्न को पानी के गिलास में रखने के बाद पानी में से किरणें निकलती दिखाई देती हैं तो नीलम असली है। इस रत्न को खरीदते समय ये भी ध्यान दें कि असली नीलम के अन्दर ध्यान से देखने पर दो परत दिखाई देती है। ये दोनों परत एक-दूसरे के सामंतर होती है।

शनि ग्रह का रत्न है नीलम

नीलम एक चमत्कारी रत्न है, इसे धारण करने से मन में, तीव्रता आती है, व्यवहार बदलाव करता है। माना जाता है कि नीलम धारण करने से व्यक्ति तरक्की की नई-नई सीढ़ियां चढ़ता चला जाता है। दूसरी ओर यह भी सत्य है कि जिन लोगों को नीलम रास नहीं आता, उनके जीवन तक को खतरा बना रहता है। नीलम के बारे कहा जाता है कि यह रंक से राजा और राजा को रंक तक बना देता है। नीलम धारण करते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए। नीलम शनि का रत्न माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिस प्रकार शनिदेव किसी जातक के लिए शुभ तो किसी के लिए अशुभ होते हैं, उसी प्रकार नीलम लंबे समय तक किसी के लिए शुभ तो किसी के ऊपर अपने अशुभ प्रभाव दर्शाता है।

नीलम धारण करने की विधि

– नीलम धारण करने के 3 से 6 कैरेट के नीलम रत्न को स्वर्ण या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाना चाहिए। तत्पश्चात उचित शुभ मुहूर्त अनुसार किसी शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को सुर्योदय के पश्चात स्नान कर अंगूठी का शुद्धिकरण करना चाहिए।

– इसके लिए गंगा जल, दूध, केसर और शहद के घोल में अंगूठी को 15 से 20 मिनट तक रख दें और शनि देव की आराधना करें।

– अब अंगूठी को घोल से निकाल कर गंगा जल से धो ले।

– नीलम को बाएं हाथ में धारण करना चाहिए।

– चौकोर नीलम धारण करना सबसे फायदेमंद माना जाता है।

किन्हें धारण करना चाहिए नीलम

– नीलम शनि का रत्न है और अपना असर बहुत तीव्रता से दिखाता है इसलिए नीलम कभी भी बिना ज्योतिषी की सलाह के नहीं पहनना चाहिए।

– मेष, वृष, तुला एवं वृश्चिक लग्न वाले अगर नीलम को धारण करते हैं तो उनका भाग्योदय होता है।

– चौथे, पांचवे, दसवें और ग्यारवें भाव में शनि हो तो नीलम जरूर पहनना चाहिए।

– शनि छठें और आठवें भाव के स्वामी के साथ बैठा हो या स्वयं ही छठे और आठवें भाव में हो तो भी नीलम रत्न धारण करना चाहिए।

– शनि मकर और कुम्भ राशि का स्वामी है। इनमें से दोनों राशियां अगर शुभ भावों में बैठी हों तो नीलम धारण करना चाहिए लेकिन अगर दोनों में से कोई भी राशि अशुभ भाव में हो तो नीलम नहीं पहनना चाहिए।

– शनि की साढेसाती में नीलम धारण करना लाभ देता है। शनि की दशा अंतरदशा में भी नीलम धारण करना लाभदायक होता है।

– शनि की सूर्य से युति हो, वह सूर्य की राशि में हो या उससे दृष्ट हो तो भी नीलम पहनना चाहिए।

– कुंडली में शनि मेष राशि में स्थित हो तो भी नीलम पहनना चाहिए।

– कुंडली में शनि वक्री, अस्तगत या दुर्बल अथवा नीच का हो तो भी नीलम धारण करके लाभ होता है। जिसकी कुंडली में शनि प्रमुख हो और प्रमुख स्थान में हो उन्हें भी नीलम धारण करना चाहिए।

– नीलम काली विद्या, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, भूत प्रेत आदि से बचाता करता है।

– इसके अलावा नीलम धारण करने से जातक की कार्य क्षमता बढ़ती है। साथ ही नीलम का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव में सौम्यता लाता है।

– नीलम रत्न व्यक्ति को उन्नति के शिखर की ओर ले जाता है एवं घर में समृद्धि खुशहाली बनाए रखने का कार्य करता है।

Tags: Astrology tipsastrology tips in hindiill effects of saturnsapphire rules
Previous Post

मटर से निखारे अपनी खूबसूरती, जाने कैसे

Next Post

होलाष्टक दूर करेगा से जुड़ा हर दुर्भाग्य, हर काम में दिलाएँगे सफलता

Writer D

Writer D

Related Posts

Banana Cheela
खाना-खजाना

ब्रेकफास्ट में बनाएं सेहत और स्वाद से भरपूर ये डिश

23/10/2025
Foot Odor
फैशन/शैली

पैरों से आती बदबू को इन उपायों से करें दूर

23/10/2025
hair
फैशन/शैली

लंबे बालों का सपना पूरा करने के लिए करें ये उपाय

23/10/2025
blouse design
फैशन/शैली

पुरानी साड़ी को बनाए स्टाइलिश, यहां से लें इसके टिप्स

23/10/2025
Besan Face Pack
Main Slider

बेसन के साथ मिलाकर चेहरे पर ना लगाएं ये चीजें, स्किन हो जाएगी बर्बाद

23/10/2025
Next Post
Holika Dahan

होलाष्टक दूर करेगा से जुड़ा हर दुर्भाग्य, हर काम में दिलाएँगे सफलता

यह भी पढ़ें

Durga Shankar Mishra

स्वच्छता सेवा पखवाड़ा: 75 IAS अफसर बने नोडल अफ़सर, जिलों में जानें का हुआ निर्देश

29/09/2023
Illegal arms factory

अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़, हथियारों के जखीरे समेत एक गिरफ्तार

28/03/2021
tushar kareena kapoor

करीना कपूर खान ने तुषार कपूर को खास अंदाज में किया बर्थडे विश

20/11/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version