Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो जान लें इससे जुड़े नियम, नहीं तो बजरंगबली हो सकते हैं नाराज

Bada Mangal

Hanuman ji

हनुमान जी (Hanuman) चिरंजीवी हैं और उनकी विशेष कृपा पाने के लिए सच्ची श्रद्धा से उनकी पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जो भक्त दिल से बजरंगबली को याद करते हैं, उनकी पूजा करते हैं, उनके जीवन से हर संकट पलभर में दूर हो जाता है।

हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ है। यदि आप इसे नियमित रूप से, खासकर मंगलवार को पढ़ते हैं, तो इसके कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है, तभी इसका सच्चा फल प्राप्त होता है। नियमों का उल्लंघन करने पर बजरंगबली नाराज भी हो सकते हैं।

हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पाठ का महत्व

हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, समस्याओं का समाधान मिलता है

हनुमान चालीसा पाठ (Hanuman Chalisa) के नियम

तन-मन की शुद्धता – हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ शुद्ध मन और सही उच्चारण के साथ किया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में तन-मन दोनों की पवित्रता जरूरी है, क्योंकि इससे पाठ का फल जल्दी प्राप्त होता है।

किस जगह करें – हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा साफ और शांत जगह पर किया जाना चाहिए। यह घर, मंदिर या किसी तीर्थ क्षेत्र में हो सकता है, लेकिन आसन का उपयोग करना अनिवार्य है।

कैसे करें – स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर, शांत और साफ जगह पर बैठें। हनुमान जी के सामने दीपक प्रज्वलित करें, और चालीसा का पाठ करने से पहले राम जी का नाम लें। फिर फूल और भोग अर्पित करके पाठ प्रारंभ करें।

कब नहीं करना चाहिए – महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, परिवार में शोक या किसी की मृत्यु होने पर भी इस समय में पाठ नहीं करना चाहिए।

किस समय करें – हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने का सर्वोत्तम समय प्रातः काल स्नान के बाद या संध्याकाल में हाथ-पैर धोने के बाद माना जाता है।

न करें ये गलती – हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करते समय ध्यान रखें कि किसी से बात न करें और मन में क्रोध का भाव न रखें। पूरी श्रद्धा और एकाग्रता के साथ पाठ करें।

कितनी बार करें पाठ – हनुमान चालीसा का पाठ एक बार, तीन बार, या सात बार करना शुभ माना जाता है। विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए 108 बार पाठ किया जा सकता है।

Exit mobile version