गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व साल 2025 में 27 अगस्त, बुधवार के दिन मनाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी की धूम पूरे देश में रहती है। इस पर्व को गणेश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है और यह गणेश उत्सव की धूम अगले 10 दिनों तक रहती है। गणेश चतुर्थी को बप्पा के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
विघ्नहर्ता भगवान गणेश (Ganesh) की पूजा-अर्चना करने से समस्त संकटों का नाश होता है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से इस उत्सव की शुरुआत हो जाती है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ इस पर्व का समापन होता है।
जो लोग अपने-अपने घरों में गणपति को बैठाने की तैयारी कर रहे हैं वो लोग एक दिन पहले मूर्ति की खरीदारी शुरू कर देते हैं। अगर आप भी मूर्ति घर ला रहे हैं तो कई बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना जरूरी है। गणपति स्थापना के वो कौन-से नियम हैं जिनका पालन जरूर करना चाहिए,
गणपति (Ganesh) मूर्ति नियम
इस बात का विशेष ख्याल रखें कि गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति को घर लाएं।
गणेश जी (Ganesh) की मूर्ति अगर घर ला रहे हैं तो खरीदारी करते समय यह जरूर देखें की भगवान के नीचे उनका वाहन मूषक जरूर होना चाहिए।
गणेश जी (Ganesh) को गणेश चतुर्थी के अवसर पर अगर घर ला रहे हैं तो कोशिश करें उनकी बैठी हुई वाली मुद्रा की मूर्ति ही खरीदें।
गणेश जी (Ganesh) की मूर्ति का रंग सिंदूरी, लाल, पीला या सफेद होना चाहिए। यह रंग गणेश जी को अति प्रिय हैं। इस रंग की मूर्ति घर लाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार गणेश जी की बायीं सूंड वाली मूर्ति घर लाएं, इस मूर्ति की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
घर के लिए अगर आप गणेश भगवान की मूर्ति ला रहे हैं तो कोशिश करें गणेश जी की छोटी मूर्ति लेकर लाएं, जिसकी आप सच्चे भाव से सेवा कर सकें।