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आसन पर बैठकर पूजा करने का रहस्य

aasan

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वैदिक काल से ही हमारे ऋषि मुनि आसन (aasan) पर बैठ कर पूजा या तप किया करते थे । आसन (aasan) को हिन्दू धर्म मे बहुत ही पवित्र मानते है। देवता भी आसन पर विराज मान होते है । आसन पर बैठने से पूजा का फल जरुर मिलता है । पूजा मे आसन का न होना अशुभ माना जाता है ।

आसन (aasan) कई तरह के हो सकते है

1 .कम्बल आसन,

2.मर्गछाल आसन,

3.कपड़े का आसन

वैज्ञानिको ने भी आसन (aasan) का महत्व बताया है जिसमे वह बताते है की जिस तरह भारी बारिश मे बादल टकराने, बिजली गिरने, और धरती से किसी धातु के लगने से पृथ्वी मे वापस चले जाते है, उसी तरह आसन का भी अपना रहस्य होता है । आसन मे बहुत शक्ति होती है इसलिए पूजा करने मे आसन को हमेशा साफ़ रखना चाहिए । वैज्ञानिक के अनुसार आसन धरती और शरीर के बीच का सम्पर्क तोड़ देता है । जिससे ब्रह्मांड की ऊर्जा शक्ति सीधा ही शरीर पर आने लगती है, जिससे इंसान अधिक ऊर्जावान बनता है ।

ब्रह्मांड अनंत शक्तियों और ऊर्जा का भंडार है और धरती भी ब्रह्मांड का ही हिस्सा है, इसलिए इन्सान जब मन्त्रो और पूजा का जप करता है तब ये शक्तियाँ विद्युत चुम्बकीये तरंगो के जरिये प्रभावित होने लगती है जो मनुष्य के शरीर मे ऊर्जा को जाग्रित करती है । आसन पर नहीं बेठने से ये सारी ऊर्जा वापस धरती मे चली जाती है ।

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