अगर आपकी पलकें पतली हैं तो आप उन्हें घना और लंबा बनाने के लिए आईलैश एक्सटेंशन (Eyelash Extensions) का इस्तेमाल कर सकते हैं। अच्छी बात तो यह है कि इसे लगाने के बाद किसी को इस बात का पता नहीं चलता है कि ये आपकी असली पलकें हैं या नहीं। हालांकि, यह तभी संभव है जब आप सही आईलैश एक्सटेंशन को चुनें।
आइए आज आपको कुछ ऐसी बातें बताते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप सही आईलैश एक्सटेंशन (Eyelash Extensions) करवा सकते हैं।
आईलैश एक्सटेंशन (Eyelash Extensions) क्या है?
आईलैश एक्सटेंशन अर्ध-स्थायी प्रक्रिया है, जिसके दौरान सिंथेटिक और प्राकृतिक फाइबर को आपकी पलकों के प्रत्येक स्ट्रैंड पर गोंद के साथ जोड़ा जाता है। बता दें कि आईलैश एक्सटेंशन आमतौर पर रेशम, मिंक, मनुष्य या घोड़े के बाल जैसी सामग्री से बने होते हैं और इनसे आपकी पलकें लंबी और घनी लगती हैं, जिससे आपकी आंखों बहुत खूबसूरत दिख सकती है। हालांकि, आईलैश एक्टेंशन करवाने के लिए सेशन्स लेने पड़ते हैं।
तीन प्रकार के होते हैं आईलैश एक्सटेंशन (Eyelash Extensions)
आईलैश एक्सटेंशन कई साइज में आती हैं, लेकिन आमतौर पर 6mm-18mm का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, कर्ल की चौड़ाई के लिए 80-150 पलकें लगती है।
1) क्लासिक आईलैश: यह एक सिंगल आईलैश एक्सटेंशन होता है, जो पलकों के एक स्ट्रैंड से जोड़ा जाता है।
2) फैन आईलैश: पलकों के एक स्ट्रैंड से कुछ आईलैश एक्सटेंशन को एकसाथ जोड़ा जाता है ताकि पलकें अधिक घनी दिखें।
3) हाइब्रिड आईलैश: यह क्लासिक आईलैश और फैन आईलैश का संयोजन होता है।
सही आईलैश एक्सटेंशन (Eyelash Extensions)कैसे चुनें?
आईलैश एक्सटेंशन करवाने से पहले आपको अपने चेहरे के आकार को समझना होगा ताकि आपकी पलकों पर सही साइज और स्टाइल के आईलैश एक्सटेंशन लगें।
इसके अतिरिक्त, इस बात का ध्यान रखें कि आईलैश एक्सटेंशन आपकी प्राकृतिक पलकों से 3mm से 5mm लंबा होना चाहिए और इसका कर्ल आपके प्राकृतिक पलकों के कर्ल के सामान होना चाहिए। इस तरह आईलैश एक्सटेंशन आपकी पलकों को खूबसूरत बनाने में मदद कर सकता है।
आईलैश एक्सटेंशन (Eyelash Extensions) कितने समय तक बरकरार रहते हैं?
अगर आप उचित देखभाल करते हैं तो आईलैश एक्सटेंशन लंबे समय तक बरकरार रहते हैं, लेकिन जैसे ही प्राकृतिक पलकें बढ़ती हैं, आईलैश एक्सटेंशन झड़ने लगते हैं।
बता दें कि आईलैश एक्सटेंशन की पूरी प्रक्रिया में दो से तीन घंटे का समय लगता है और दो से तीन सप्ताह के अंतराल में इसे टचअप की जरूरत पड़ती है। बस इस बात का ध्यान रखें कि एक्सटेंशन करवाने के बाद तेल आधारित उत्पादों, भारी क्रीम और मस्कारे के उपयोग से बचें।
आईलैश एक्सटेंशन के नुकसान अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के अनुसार, अगर आईलैश एक्सटेंशन की प्रक्रिया ठीक से न की जाए तो यह आईलिड पर सूजन, कॉर्निया संक्रमण या प्राकृतिक पलकों को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकता है।