धर्म डेस्क। हिन्दू धर्म में जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है, जिसे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 12 अगस्त को पड़ रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन श्रीकृष्ण के भक्त उनकी आराधना में उपवास रखते हैं। घरों में बाल गोपाल की पूजा होती है। उनके लिए झूले सजाएं जाते हैं। हालांकि बाल गोपाल की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। ये बातें इस प्रकार हैं-
- सुबह जल्दी उठने के बाद सबसे पहले बाल गोपाल की पूजा और भोग लगाना चाहिए।
- बाल गोपाल की पूजा में प्रयोग की जाने वाली सभी सामग्रियों का शुद्ध होना जरूर है। इसलिए पूजा के बर्तन को जरूर साफ करें।
- बाल गोपाल को साफ जल और गंगाजल से प्रतिदिन स्नान जरूर करवाना चाहिए।
- स्नान करवाने के बाद चंदन का टीका लगाएं।
- बाल गोपाल के कपड़ों को रोजाना बदलें। इसके अलावा दिन के अनुसार अलग-अलग रंग वाले कपड़े ही पहनाएं जैसे सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी, शनिवार को नीला और रविवार को लाल कपड़ा।
- लड्डू गोपाल को मक्खन, मिश्री और तुलसी के पत्ते बहुत पसंद होता है। इसलिए भोग में रोजाना इसे जरूर शामिल करें।
- रोजाना लड्डू गोपाल के श्रृंगार में उनके कान की बाली, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मोरपंख जरूर होना चाहिए।
- श्रृंगार के बाद सबसे पहले भगवान गणेश की आरती उतारे फिर लड्डू गोपाल की।
- आरती के बाद अपने हाथों से उन्हें भोग लगाएं, झूला झूलाएं और फिर झूले में लगे परदे को बंद करना ना भूले।
- सुबह और शाम के दोनों वक्त लड्डू गोपाल की आरती और भोग लगाना जरूरी होता है।
- शुभ अवसर और त्योहार पर उन्हें नए कपड़े और पकवान का भोग जरूर लगाएं।
- बाल गोपाल की पूजा और भोग लगाएं बिना खाना नहीं खाना चाहिए। उन्हें भोग लगाने के बाद भोजन प्रसाद बन जाएगा।
- घर में बाल गोपाल हैं तो मांस-मदिरा का सेवन, गलत व्यवहार और अधार्मिक कार्यों से बचना चाहिए।
- रात को सोने से पहले बाल गोपाल को सुलाने के बाद ही सोएं।
- होली, दीपावली और जन्माष्टमी जैस प्रमुख त्योहार में इनकी विशेष रूप से पूजा करें।