लाइफ़स्टाइल डेस्क। कंसीव करने के नौ महीने के बाद शिशु का जन्म होता है लेकिन गर्भावस्था के नौ महीनों में कई तरह के जोखिमों का खतरा बना रहता है जिनमें से एक मोलर प्रेगनेंसी भी है।
मोलर प्रेगनेंसी को हाइडेटिडिफोर्म मोल के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रेगनेंसी में होने वाली एक दुर्लभ जटिलता है जिसमें ट्रोफोब्लस्ट असामान्य रूप से विकसित होने लगता है, यह प्लेसेंटा के अंदर सामान्य रूप से विकसित होने वाली कोशिकाएं होती हैं।
क्या होती है मोलर प्रेगनेंसी
मोलर प्रेगनेंसी दो तरह की होती है जिसमें कंप्लीट मोलर प्रेगनेंसी और पार्शियल मोलर प्रेगनेंसी शामिल है। कंप्लीट मोलर प्रेगनेंसी में प्लेसेंटा के ऊतक असामान्य और सूज जाते हैं और फलूइड से भरे सिस्ट जैसे दिखाई देते हैं। इसमें फीटल टिश्यू भी नहीं बनते हैं।
पार्शियल मोलर प्रेगनेंसी में सामान्य प्लेसेंटा टिश्यू के साथ असामान्य प्लेसेंटा टिश्यू बन सकते हैं। इसमें भ्रूण भी बन सकता है लेकिन वह भ्रूण जीवित नहीं रह पाता है और अक्सर प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में मिसकैरेज हो जाता है।
मोलर प्रेगनेंसी के लक्षण
पहली नजर में मोलर प्रेगनेंसी सामान्य गर्भावस्था की तरह ही लग सकती है लेकिन अधिकतर मोलर प्रेगनेंसी में निम्न लक्षण और संकेत दिखाई देते हैं :
- प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान गहरे भूरे रंग से चमकीली लाल रंग की ब्लीडिंग होना।
- गंभीर मतली और उल्टी।
- कभी कभी योनि से छोटे सिस्ट निकलना।
- पेल्विक हिस्से में दर्द और दबाव महसूस होना।
- ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर और लक्षणों जैसे कि यूट्राइन ग्रोथ, हाई ब्लड प्रेशर, प्रीक्लैंप्सिया, ओवरी में सिस्ट, एनीमिया और हाइपरथायराइड की जांच करेंगें।
मोलर प्रेगनेंसी के कारण
असामान्य रूप से फर्टिलाइज एग की वजह से मोलर प्रेगनेंसी होती है। मानव कोशिकाओं में सामान्य तौर पर क्रोमोजोम के 23 जोडे होते हैं। प्रत्येक एक जोडे में एक क्रोमोजोम पिता और दूसरा मां से मिलता है।
कंप्लीट मोलर प्रेगनेंसी में खाली एग एक या दो स्पर्म से फर्टिलाइज होता है। इस स्थिति में मां के एग से मिला क्रोमोजोम नष्ट या निष्क्रिय हो जाता है और पिता का क्रोमोजोम डुप्लीकेट हो जाता है। पार्शियल मोलर प्रेगनेंसी में मां का क्रोमोजोम रहता है लेकिन पिता से क्रोमोजोम के दो सैट मिलते हैं। इसके कारण भ्रूण में 46 की जगह 69 क्रोमोजोम हो जाते हैं।
लगभग 1000 में से एक महिला में मोलर प्रेगनेंसी पाई जाती है। इसके कई कारक हो सकते हैं जैसे कि पैंतीस से अधिक या 20 से कम उम्र में प्रेगनेंट होना। इसके अलावा एक बार मोलर प्रेगनेंसी से ग्रस्त महिलाओं को दोबारा इसका खतरा रहता है। 100 में से एक महिला को दोबारा मोलर प्रेगनेंसी होती है।