Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

जानें क्या है अनंत चतुर्दशी, पूजा मुहूर्त, महत्व एवं गणपति विसर्जन

ganesh visarjan

गणपती विसर्जन

धर्म डेस्क। हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी ति​थि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इसे अनंत चौदस भी कहा जाता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 01 सिंतबर दिन मंगलवार को है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। अनंत चतुर्दशी के दिन ही भगवान विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन भी किया जाता है। अनंत चतुर्दशी के साथ ही भगवान गणपति को सहर्ष विदा किया जाता है और अगले वर्ष आने की प्रार्थना की जाती है। इसके साथ ही 10 दिनों के गणेशोत्सव का समापन हो जाता है। आइए जानते हैं कि इस अनंत चतुर्दशी पर पूजा का मुहूर्त एवं महत्व क्या है।

अनंत चतुर्दशी की उदया ​तिथि ली जाती है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी ति​​थि का प्रारंभ 31 ​अगस्त दिन सोमवार को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से हो रहा है, जो 01 सितंबर को सुबह 09 बजकर 39 मिनट तक है। ऐसे में 01 सितंबर को उदया तिथि मिल रही है, इसलिए अनंत चतुर्दशी 01 सितंबर को मनाई जाएगी।

अनंत चतुर्दशी पूजा

अनंत चतुर्दशी के दिन मुख्यत: भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं। इस दिन व्रत रखने वाले पुरुष अपने दाहिने हाथ में और महिलाएं अपने बाएं हाथ में अनंत धागा धारण करती हैं। यह धागा 14 गांठों वाला होता है। ये 14 गांठें भगवान श्री विष्णु के द्वारा निर्मित 14 लोकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि अनंत चतुर्दशी का व्रत लगातार 14 वर्षों तक किया जाए तो उस व्यक्ति को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

अनंत चतुर्दशी: गणपति विसर्जन का दिन

22 अगस्त 2020 को गणेश चतुर्थी के दिन जिन लोगों ने 10 दिनों के लिए गणपति बप्पा की स्थापना की थी, वे लोग 01 सितंबर को गणेश मूर्ति का बहते जल में विसर्जन करेंगे।

Exit mobile version