धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में मलमास माह को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे अधिकमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। इस बार मलमास 18 सितंबर से शुरू हो रहे हैं जो 16 अक्टूबर तक चलेंगे। इस माह में शुभ काम, शादी-ब्याह आदि की मनाही होती है।
इस बार बन रहा है विशेष संयोग
इस बार मलमास में 160 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है। दरअसल इस साल लीप ईयर और अश्विन मास एक ही दिन पड़ रहे है। आपको बता दें कि हर सौर वर्ष में 365 दिन 6 घंटे होते हैं। जबकि एक चंद्रवर्ष में 354.36 दिन होते है। हर तीन चाल बाद चंद्रमा के ये दिन एक माह के बराबर होते है। जिसके कारम हर तीन साल बाद चंद्रमास में एक माह अधिक जोड़ दिया जाता है। जिसे अधिक मास के नाम से जाना जाता है।
मलमास में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन सत्य नारायण की पूजा अर्चना करना अच्छा माना जाता है। इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। जिससे आपके घर में हमेशा धनधान्य भरा रहता है।
मलमास के माह में महामृत्युंजय जाप कराना शुभ माना जाता है। इससे घर में साकारात्म ऊर्जा आने के साथ-साथ कुडंली में लगे हर दोषों से भी छुटकारा मिलता है।
मलमास के समय में मांगलिक कार्यों जैसे कि विवाह, मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश आदि करने की मनाही होती है। मलमास के माह में शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। लेकिन आप खरीददारी कर सकते हैं।