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जानिए आखिर क्या है श्राद्ध, पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का है खास महत्व

Pitru Paksha 2020

श्राद्ध

धर्म डेस्क। आज आश्विन कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि और सोमवार का दिन है। पंचमी तिथि आज रात 9 बजकर 39 मिनट तक रहेगी। आज उन लोगों का श्राद्ध कर्म किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ हो। साथ ही जिनका देहांत अविवाहित अवस्था में, यानी कि शादी से पहले ही हो गया हो । इस दिन श्राद्ध कर्म करने वालों  को  प्रसाद में उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

आज शाम 4 बजकर 37 मिनट तक ध्रुव योग रहेगा। किसी भी स्थिर कार्य जैसे  भवन या इमारत का इस योग में  निर्माण करने से सफलता मिलती है। कोई भी अस्थिर कार्य जैसे वाहन लेना इस योग में सही नहीं है। साथ ही आज पूरा दिन पूरी रात पार कर कल सुबह 8 बजकर 26 मिनट तक भरणी नक्षत्र रहेगा। 27 नक्षत्रों में से भरणी दूसरा नक्षत्र है। भरणी का अर्थ होता है- भरण-पोषण करना। इसका संबंध आंवले के पेड़ से बताया गया है। जिन लोगों का जन्म भरणी नक्षत्र में हुआ है उन्हें आज  आंवले के पेड़ की पूजा करनि चाहिए । इसके अलावा भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों को आंवले के पेड़ , फल  या उससे जुड़ी किसी अन्य चीज़ को नुकसान ना पहुचाएं और ना ही उसका सेवन करें।

पितृ पक्ष के दौरान भरणी नक्षत्र में अपराह्रन काल यानी दोपहर के समय भरणी श्राद्ध किया जाता है।  भरणी नक्षत्र चतुर्थी तिथि को पड़ता है तो इसे चौथ भरणी और पंचमी तिथि को पड़ने पर भरणी पंचमी कहा जाता है। तृतीया तिथि को पड़ने वाले भरणी श्राद्ध को महाभरणी श्राद्ध भी कहा जाता है। पितृ पक्ष के दौरान भरणी नक्षत्र का अत्‍यधिक महत्‍व है क्‍योंकि इसके स्‍वामी मृत्‍यु के देवता यमराज हैं। कहा जाता है कि भरणी श्राद्ध को तर्पण करने से गया में श्राद्ध करने जितना ही फल मिलता है।

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