Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

जाने क्या है हरतालिका तीज की पौराणिक कथा, पूजा विधि

hartalika teej

हरतालिका तीज

लाइफ़स्टाइल डेस्क। हरतालिका तीज का त्योहार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं माता गौरी से सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मांगती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं। 2020 में हरतालिका तीज का व्रत 21 अगस्त को रखा जाएगा। जानतें हैं हरतालिका तीज का महत्व, पूरी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है-

हरतालिका तीज की पौराणिक कथा

हरतालिका का शाब्दिक अर्थ की बात करें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना है हरत और आलिका, हरत का अर्थ होता है अपहरण और आलिका अर्थात् सहेली, इस संबंध में एक पौराणिक कथा मिलती है जिसके अनुसार पार्वती जी की सखियां उनका अपहरण करके जंगल में ले गई थी। ताकि पार्वती जी के पिता उनका विवाह इच्छा के विरुद्ध भगवान विष्णु से न कर दें।

हरतालिका तीज पूजा विधि

हरतालिका तीज पर प्रातः काल का समय पूजा करने के लिए सही रहता है, सबसे पहले सुबह स्नानादि करके बालू रेत से भगवान गणेश, शिव जी और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं। और एक चौकी पर अक्षत (चावल) से अष्टदल कमल की आकृति बनाएं और एक कलश में जल भरकर उसमें सुपारी, अक्षत, सिक्के डालें और उस कलश की स्थापना अष्टदल कमल की आकृति पर करें।

समय

Exit mobile version