नई दिल्ली: कर्नाटक के कुछ हिस्सों में एक मामला सामने आ रहा है। जहा के बच्चों की दिवयांगता को दूर करने के लिए उनके गर्दन तक गड्ढे में गाड़ने की प्रथा सामने आयी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बच्चों की दिव्यांगता को दूर करने के लिये उन्हें कथित रूप से गर्दन तक गड्ढे में गाड़ने की प्रथा को लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
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आयोग ने बयान में कहा कि उसका मानना है कि यह प्रथा ‘गरीब बच्चों के प्रति अजीब, अनैतिक और क्रूर प्रतीत होती है। उनके साथ आस्था के नाम पर अमानवीय व्यवहार किया जाता है।’
”राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई खबर पर संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि कर्नाटक के कलबुर्गी में सूर्य ग्रहण के दौरान दिव्यांग बच्चों को इस मान्यता के तहत गर्दन तक गड्ढे में दबा दिया गया कि किरणें पड़ने से उनकी दिव्यांगता दूर हो जाएगी।”
बयान के अनुसार ऐसी घटनाएं कर्नाटक के तीन गांवों से सामने आई हैं, जिनमें कलबुर्गी कस्बे का ताज सुल्तानपुर और चिंचोली तालुक के ऐनोली और गड़ी-लिंगाडल्ली गांव शामिल हैं। आयोग ने इस मामले पर मुख्य सचिव के जरिये कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।