Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

प्रेग्नेंसी में क्या खाने के साथ ही कितनी मात्रा में खाएं, जानिए

प्रेग्नेंसी के दौरान की जाने वाली हर एक एक्टिविटी का असर आपके साथ गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। इसलिए घर, परिवार से लेकर डॉक्टर तक तरह-तरह के सलाह देते हैं जिसपर जरूर गौर करना चाहिए। खानपान पर तो खास तौर पर फोकस करना चाहिए। क्या खाएं ये जानना तो जरूरी है ही साथ ही कितनी मात्रा में खाएं ये भी उतना ही जरूरी है जिसके बारे में आज हम बात करेंगे।

  1. प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य से ज्यादा भूख लगना आम बात है। यह भी सच है कि गर्भावस्था के दौरान सामान्य से ज्यादा कैलोरीज़ की जरूरत होती है लेकिन इसका मतलब नहीं है कि आप दोगुनी या तीन गुनी डाइट लेने लगें। यहां तक कि मल्टिपल प्रेग्नेंसी के मामले में भी ऐसा नहीं करना चाहिए।
  1. हर दो घंटे के अंतराल पर छोटी-छोटी मील्स लेती रहें जिससे भूख न लगे। खाने में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा ज्यादा रखें।
  1. प्रेग्नेंसी क पहले छह महीनों (पहले और दूसरे ट्राइमेस्टर) के दौरान एक गर्भवती स्त्री को प्रतिदिन 2000 कैलोरीज की दरकार होती है। वहीं प्रेग्नेंसी के अंतिम तीन महीनों (तीसरे ट्राइमेस्टर) के दौरान हर दिन 2200 कैलोरीज की दरकार होती है। मल्टिपल प्रेग्नेंसी के मामले में कैलोरीज की जरूरत थोड़ी और ज्यादा हो सकती है, पर यह डॉक्टर की सलाह के हिसाब से ही तय करें।
  1. कोई भी चीज़ बहुत ज्यादा मात्रा में न खाएं।
  1. जूस पीने की जगह फल खाना ज्यादा लाभकारी है। सैलेड के रूप में सब्जियां भी जरूर खाएं। ऐसा करने से बच्चे के जन्म के बाद स्तनपान की प्रक्रिया में फायदा होता है।
  1. तेल मसाले वाला खाना न खाएं।
  1. प्रेग्नेंसी में अधपका और कच्चा मांस नहीं खाना चाहिए। इनमें बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिससे गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। अच्छी तरह से पका हुआ नॉनवेज ही खाना चाहिए।
  1. ऑयस्टर और सुशी जैसा रॉ सीफूड, जिसे पकाने से पहले फ्रीज न किया गया हो, खाने से बचना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के खाद्य पदार्थों को अक्सर नमक के पानी में संरक्षित किया जाता है जिससे गर्भवती स्त्री के शरीर में वॉटर रीटेंशन की समस्या आ सकती है।
Exit mobile version