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जानें भारत में धार्मिक स्थलों में कब-कब हुए हादसे

नई दिल्ली। धार्मिक स्थलों में लोग अपने परिवार के साथ सलामती की दुआएं मांगने जाते हैं लेकिन जब धार्मिक स्थल ही मौत की रंग भूमि में तबदील हो जाते हैं उस वक्त श्रद्धालुओं के पास हाथ मलने के अलावा कुछ और बाकी नहीं रहता है।

जम्मू-कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी भवन में 31 दिसंबर यानी शुक्रवार रात 2:45 पर भगदड़ मच गई। इस दुखद हादसे में 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। जबकि 20 लोग घायल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये का ऐलान कर दिया है।

कभी भगदड़ से तो कभी प्रशासन की बदइंतजामी की वजह से ही इस तरह के हादसे होते हैं। लेकिन अंत तक इन हादसों के लिए लोग एक दूसरे को ही जिम्मेदार ठहराते नजर आते हैं। प्रशासन व सरकार बस चंद रुपयों से उनकी मौत की कीमत चुकाने की कोशिश करते हैं। उनकी मौत पर मुआवजे का ऐलान करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं।

पर धार्मिक स्थलों पर कब-कब ऐसी घटनाएं हुईं? आइये जानते हैं।

भारत में धार्मिक स्थलों पर भगदड़ का इतिहास

14 जुलाई 2015

दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में एक पवित्र नदी के तट पर भगदड़ में कम से कम 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है।

25 अगस्त 2014

मध्य प्रदेश के सतना जिले में चित्रकूट के कामतनाथ मंदिर में भगदड़ मच गई। 10 लोगों की मौत और करीब 60 लोग घायल हुए थे।

25 सितंबर 2012

झारखण्ड के देवघर में ठाकुर अनुकूल चंद की 125वीं जयंती पर एक आश्रम परिसर में हजारों की भीड़ एकत्र हो जाने और सभागार में भारी भीड़ के कारण दम घुटने से बारह लोगों की मौत हो गई, जबकि 120 अन्य बेहोश हो गए।

08 नवम्बर, 2011

उत्तर प्रदेश के हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हजारों श्रद्धालुओं के एकत्र हो जाने के दौरान मची भगदड़ में 16 लोगों की जान चली गई।

14 जनवरी, 2011

केरल के इदुक्की में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शबरीमाला के नजदीक पुलमेदु में मची भगदड़ में 102 श्रद्धालु मारे गए थे और 50 घायल हो गए थे।

04 मार्च, 2010

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कृपालुजी महाराज आश्रम में प्रसाद वितरण के दौरान 63 लोग मारे गए थे।

30 सितम्बर 2008

राजस्थान के जोधपुर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह से मची भगदड़ में 250 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

वैष्णो देवी हादसे में एक ही मोहल्ले के दो घरों का बुझ गया चिराग, मचा कोहराम

03 अगस्त, 2008

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण नैना देवी मंदिर की एक दीवार ढह गई। इसमें 160 लोगों की मौत हो गई।

26 जून, 2005

महाराष्ट्र के मंधार देवी मंदिर में मची भगदड़ में 350 लोगों की मौत हो गई थी।

अगस्त 2003

महाराष्ट्र के नासिक में कुम्भ मेले में मची भगदड़ में 125 लोगों की जान चली गई थी।

1986

हरिद्वार में एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ में 50 लोगों की मौत हो गई।

1954

इलाहाबाद में कुंभ मेले के दौरान भगदड़ से लगभग 800 लोगों की जानें गईं।

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