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जानें कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी, नोट कर लें पूजा मुहूर्त

Saraswati Puja

Basant Panchami

वसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व हर साल माघ शुक्ल पंचमी को होता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती को पूजा होती है, इसलिए वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा और सरस्वती जयंती भी कहते हैं. वसंत पंचमी के दिन सभी शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा आयोजित की जाती है. इस दिन बच्चों की शिक्षा प्रारंभ भी कराते हैं. जिन लोगों के छोटे बच्चे हैं, वे उनको इस दिन से अक्षर ज्ञान देना शुरू कर सकते हैं. गीत, संगीत या कोई अन्य कला सीखने का आगाज सरस्वती पूजा से कर सकते हैं. अब सवाल यह है कि साल सरस्वती पूजा 25 जनवरी को है या फिर 26 जनवरी को?

वसंत पंचमी (Basant Panchami) की सही तारीख

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस साल सरस्वती पूजा यानि वसंत पंचमी का पर्व गणतंत्र दिवस के साथ मनाया जाएगा. स्कूलों में एक तरफ राष्ट्रीय ध्वज फहरेगा तो दूसरी ओर सरस्वती पूजा भी होगी क्योंकि 26 जनवरी को वसंत पंचमी मनाई जाएगी.

पंचांग के अनुसार, वसंत पंचमी की माघ शुक्ल पंचमी तिथि 25 जनवरी बुधवार को 12:34 पीएम से शुरू होगी और यह 26 जनवरी गुरुवार को 10:28 एएम तक रहेगी. वसंत पंचमी की उदयातिथि 26 को प्राप्त हो रही है. इस दिन सूर्योदय का समय 07:12 एएम है.

सरस्वती पूजा मुहूर्त का शुभ मुहूर्त

वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा सुबह 07 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगा. पूजा मुहूर्त की समाप्ति दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर होगी. इस शुभ मुहूर्त में सरस्वती पूजा संपन्न हो जाना चाहिए.

राज पंचक में सरस्वती पूजा

26 जनवरी को सरस्वती पूजा के दिन राज पंचक लगा है. यह पंचक 23 जनवरी से 27 जनवरी तक है. राज पंचक शुभ फल प्रदान करने वाला है. इस पंचक में प्रॉपर्टी से जुड़े कार्य करते हैं तो उसमें सफलता प्राप्त होती है. राज पंचक राज्याभिषेक के लिए अच्छा माना जाता है.

वसंत पंचमी (Basant Panchami) को हुआ था मां सरस्वती का प्रकाट्य

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना पूरी कर ली तो उन्होंने पाया कि चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. तब उनके मन में सरस्वती देवी की विचार आया, ताकि सभी प्राणियों को वाणी मिल सके. तब उन्होंने देवी सरस्वती का आह्वान किया. वसंत पंचमी को माता सरस्वती का प्रकाट्य हुआ और उन्होंने पूरे जीवों को वाणी प्रदान की.

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