हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navrat) का खास महत्व होता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सालभर में कुल चार नवरात्रि आती हैं. जिसमें दो सामान्य और दो गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) होती हैं. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है. पंचांग के मुताबिक, आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि 19 जून 2023 से शुरू हो रही है.
इन मंत्रों का करें जाप (Gupt Navratri Mantra)
पौराणिक काल से ही लोगों की आस्था गुप्त नवरात्रि में रही है. गुप्त नवरात्रि में शक्ति की उपासना की जाती है ताकि जीवन तनाव मुक्त रहे. माना जाता है कि इस दौरान माँ शक्ति के खास मंत्रों के जाप से किसी भी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है या किसी सिद्धि को हासिल किया जा सकता है.
सिद्धि के लिए ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, ॐ क्लीं सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन्य धान्य सुतान्यवितं, मनुष्यों मत प्रसादेंन भविष्यति न संचयः क्लीं ॐ, ॐ श्रीं ह्रीं हसौ: हूं फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा आदि विशेष मंत्रों का जप किया जा सकता है.
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि (Gupt Navratri)
गुप्त नवरात्रि के दौरान घट स्थापना उसी तरह की जाती है जिस तरह से चैत्र और शारदीय नवरात्रि में होती है. इन नौ दिनों में सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा की जाती है साथ ही लौंग और बताशे का भोग जरूर लगाना चाहिए. साथ ही मां को श्रृंगार का सामान भी अर्पित करें. इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें.