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कब है भाद्रपद अमावस्या, जानें स्नान और दान का मुहूर्त

Amavasya

Amavasya

हिंदू धर्म में भादो मास की अमावस्या (Amavasya) का विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक मान्यता है कि पितृपक्ष से पहले पितरों को खुश करने के लिए भाद्रपद अमावस्या ( Bhadrapada Amavasya) मनाई जाती है। इसे भादो अमावस्या भी कहा जाता है और इस दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है और दान किया जाता है। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, भाद्रपद अमावस्या पर स्नान और दान का का विशेष महत्व है और इसके बारे में यहां विस्तार से जान सकते हैं।

जानें कब है भाद्रपद अमावस्या ( Bhadrapada Amavasya)

वै​दिक पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर, गुरुवार को सुबह 04.48 मिनट से शुरू हो जाएगी और 15 सितंबर शुक्रवार को सुबह 07.09 बजे संपन्न होगी। ऐसे में उदया तिथि के चलते भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर को मनाई जाएगी।

स्नान और दान का मुहूर्त

भाद्रपद अमावस्या ( Bhadrapada Amavasya) पर ब्रह्म मुहूर्त के साथ ही स्नान और दान करना शुभ होगा। 14 सितंबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:32 बजे से प्रात: 05:19 बजे तक है। इस बाद उत्तम मुहूर्त सुबह 06:05 बजे से सुबह 07:38 बजे के बीच है। इस दौरान स्नान और दान करना शुभ हो सकता है।

भाद्रपद अमावस्या ( Bhadrapada Amavasya) पर इन चीजों का करें दान

भाद्रपद अमावस्या ( Bhadrapada Amavasya) के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार, कपड़े और अन्न का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। भाद्रपद में भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और भाद्रपद अमावस्या पर ​पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ होता है। स्नान के बाद पीपल के पेड़ को जल अर्पित करना चाहिए।

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