Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

जानें कब है साल की पहली अमावस्या?,

Mauni Amavasya

Mauni Amavasya

माघ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है. मौनी अमावस्या पर मौन रहकर पवित्र नदी या जलकुंड में स्नान और दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा कहते हैं कि मौनी अमावस्या पर दान-स्नान करने से इंसान के सारे पाप मिट जाते हैं और उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्‍या (Mauni Amavasya) के दिन प्रयागराज के संगम में स्‍नान करना भी बहुत लाभकारी बताया गया है.

कब है मौनी अमावस्या? (Mauni Amavasya)

इस वर्ष मौनी अमावस्या की तिथि को लेकर लोगों में बहुत कन्फ्यूजन है. कुछ लोग 21 जनवरी तो कुछ 22 जनवरी को मौनी अमावस्या बता रहे हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या शनिवार, 21 जनवरी को सुबह 06 बजकर 16 मिनट से लेकर अगले दिन रविवार, 22 जनवरी को रात 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. लेकिन उदया तिथि के कारण मौनी अमावस्या 21 जनवरी को ही मनाई जाएगी.

दान-स्नान का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषविदों की मानें तो 21 जनवरी को सुबह 8 बजकर 33 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 52 मिनट के बीच स्नान और दान-धर्म से जुड़े कार्य करने का शुभ मुहूर्त रहेगा. इस दौरान पवित्र नदी या कुंड में स्नान करने के बाद गरीब और जरूरतमंद लोगों को ठंड से बचने के लिए कम्बल, गुड़ और तिल का दान कर सकते हैं. पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लेते समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ और ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप जरूर करें.

क्यों खास होती है मौनी अमावस्या? (Mauni Amavasya)

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. इससे तर्पण करने वालों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन नदी के घाट पर जाकर पितरों का तर्पण और दान करने से कुंडली के दोषों से मुक्ति पाई जाती है.

इसके अलावा, इस दिन मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन मौन व्रत का विशेष महत्व होता है. मौन व्रत का अर्थ खुद के अंतर्मन में झांकना, ध्यान करना और भगवान की भक्ति में खो जाने से है.

Exit mobile version