सकट चौथ सभी संकटों का नाश करने वाला होता है, इसलिए इसे संकटा चौथ (Sankata Chauth) भी कहते हैं। पंचांग के अनुसार, माघ मास (Magh Month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत रखते हैं, जो इस वर्ष 21 जनवरी दिन शुक्रवार को है।
इस दिन व्रत रखते हैं और गणेश जी की पूजा करते हैं, रात्रि के समय में चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद ही यह व्रत पूरा होता है। संकष्टी चतुर्थी के व्रत में चंद्रमा की पूजा अनिवार्य है, वहीं विनायक चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन झूठा कलंक लगाने वाला होता है।
सकट चौथ के दिन गणेश जी के मंत्रों का जाप करने से सिद्धि प्राप्त होती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं संकट चौथ के दिन चंद्रोदय (Moon Rising) का समय और गणेश मंत्र (Ganesh Mantra) के बारे में।
चंद्रोदय का सही समय
इस वर्ष सकट चौथ 21 जनवरी को है। इस दिन जो लोग व्रत रखते हैं, उन्हें चंद्रमा के उदय का इंतजार रहता है। सकट चौथ को चंद्रोदय रात 09 बजे होना है। हालांकि स्थान के मुताबिक यह कहीं पर थोड़ा सा पहले और कहीं पर थोड़े देर के बाद हो सकता है। यहां पर दिया गया चंद्रोदय का समय दिल्ली को आधार मानकर बताया गया है। आप अपने स्थान का सटीक चंद्रोदय समय पंचांग या फिर अपने स्मार्टफोन से भी चेक कर सकते हैं।
सकट चौथ पर चंद्रमा का पूजन और जल अर्पण के बाद पारण करने की परंपरा है। उसके बाद ही व्रत को पूरा माना जाता है। कई लोग अगले दिन पारण करते हैं, तो वे अपनी विधि अनुसार ही पारण करें। हालांकि संकट चौथ की पूजा आप 21 जनवरी को सुबह 09:43 बजे के बाद मघा नक्षत्र के समापन पर करें तो उत्तम रहेगा। इस दिन शुभ मुहूर्त दोपहर 12:11 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक है।
गणेश मंत्र
सकट चौथ के दिन आप गणेश जी की पूजा के समय उनके मंत्रों का जाप करके अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं। हालांकि सकट चौथ व्रत संतान और परिवार की सुरक्षा के लिए रखते हैं, लेकिन मंत्र जाप से अपनी अन्य मनोकामनाएं भी पूर्ण कर सकते हैं। गणपति बप्पा जब प्रसन्न होते हैं, तो फिर कोई भी इच्छा अपूर्ण नहीं रहती है।
ओम एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात।
ओम वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ:
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।
ओम गं गणपतये नमः।
श्रीगणेशाय नम:।
ओम वक्रतुण्डाय नम:।