प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा अप्रैल माह में आयोजित हो सकती है। कोरोना के कारण केंद्र निर्धारण से लेकर प्रायोगिक परीक्षा तक पिछड़ गई है। फरवरी और मार्च में प्रस्तावित पंचायत चुनाव भी बड़ी अड़चन होगी। हालांकि बोर्ड के अधिकारी अपनी तैयारी पूरी होने का दावा कर रहे हैं।
यूपी बोर्ड ने 2021 की परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण का प्रस्ताव पहले ही शासन को भेज दिया था। पूर्व के वर्षों में अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक केंद्र निर्धारण की नीति जारी हो जाती थी, लेकिन इस साल अब तक नीति फाइनल नहीं हो सकी है। इसके पीछे बड़ा कारण कोरोना है। अफसर यही तय नहीं कर पा रहे हैं केंद्र सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर तय होंगे या पूर्व के वर्षों की तरह बनेंगे।
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सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होने पर डेढ़ या दोगुने केंद्र बनाने होंगे जिससे परीक्षा का खर्च भी काफी बढ़ जाएगा। केंद्र बनाने में कम से कम डेढ़ महीने का समय लगेगा। इंटर की प्रायोगिक परीक्षा पूर्व के वर्षों में 15 दिसंबर से शुरू होकर तकरीबन एक महीने में होती थी। जबकि इस साल फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में प्रैक्टिकल शुरू करने की तैयारी है, जो मार्च मध्य तक जाएगा। पिछले साल एक जुलाई को परीक्षा की समय सारिणी जारी हुई थी, लेकिन इस बार अब तक टाइम टेबल को लेकर कोई चर्चा नहीं है। परीक्षा के लिए कॉपियां हर साल नवंबर में जिलों को भेजी जाती थी लेकिन इस साल दिसंबर में भेजने की तैयारी है।
9 से 12 तक के एक तिहाई बच्चे ही आ रहे स्कूल
यूपी बोर्ड के स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के एक तिहाई बच्चे ही क्लास करने पहुंच रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा की ओर से शासन को 9 नवंबर की भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 1079 माध्यमिक स्कूलों में पंजीकृत 9 से 12 तक के 418888 छात्र-छात्राओं में से 137985 (32.94 फीसदी) स्कूल में उपस्थित थे। हालांकि 159305 बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल भेजने का सहमति पत्र दिया है। इस तारीख को 12438 शिक्षक स्कूलों में उपस्थित थे। इनमें से 366 स्कूलों में प्राथमिक उपचार के लिए अटेंडेंट, नर्स, डॉक्टर, काउंसलर की व्यवस्था कर ली गई है। आपातकालीन परिस्थितियों में सहायता के लिए विभिन्न टास्क टीमों का गठन कर लिया गया है।