सनातन धर्म में अध्यात्म की कई परंपराएं प्रचलित हैं। सभी में ध्यान और चिंतन का विशेष महत्व बताया गया है। जब भी कोई साधन अपना आराध्य के प्रति ध्यान लगाता है तो मन को केंद्रित करने के लिए मंत्र जाप करता है और इस दौरान माला जाप करता है। हिंदू धर्म में अलग-अलग देवी देवताओं के लिए अलग-अलग माला (Mala) का महत्व बताया गया है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे में यहां बता रहे हैं कि किस देवी या देवता के लिए कौन सी माला का जाप करना चाहिए।
तुलसी माला (Mala)
भगवान विष्णु या राम या फिर भगवान श्री कृष्ण की आराधना करते समय तुलसी की माला पर जाप करना शुभ होता है। पौराणिक मान्यता है कि तुलसी की माला से जाप करने से कई यज्ञ के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। तुलसी की माला से भगवान विष्णु का ध्यान करने से यश और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
चंदन की माला (Mala)
चंदन की माला का काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। सफेद चंदन की माला से सभी देवी-देवताओं के नाम का जाप किया जा सकता है। चंदन की माला से भगवान विष्णु, मां सरस्वती, श्री राम और गायत्री मंत्र का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
रुद्राक्ष की माला (Mala)
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, रुद्राक्ष भगवान शिव को काफी प्रिय होते हैं। रुद्राक्ष की माला से भगवान भोलेनाथ के 108 नाम व उनके मंत्रों का जाप करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सुख, शांति और समृद्धि मिलती है।
स्फटिक की माला (Mala)
स्फटिक की माला से मां भगवती के नामों का जाप करना चाहिए। स्फटिक की माला देवी आराधना के लिए शुभ मानी जाती है। इन माला के देवी नाम का पाठ करने से दरिद्रता और नकारात्मकता का नाश होता है। इसे भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है।
मूंगे की माला से जाप
मूंगे के पत्थरों से बनी माला (Mala) से जाप करने से मंगल दोष दूर होता है। मंगल ग्रह की आराधना करने से जातक के जीवन में शनि का प्रकोप भी दूर होता है। भूत प्रेत का साया भी दूर हो जाता है। मूंगे की माला से हनुमान जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
हल्दी की माला (Mala)
हल्दी की गांठ से तैयार माला से भगवान गणेश, मां पीतांबरी देवी और मां बगलामुखी के नामों का जाप करना चाहिए। इस माला से जाप करने पर गुरुदेव बृहस्पति भी प्रसन्न होते हैं। जीवन में सभी दुख दूर हो जाते हैं।