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जानें आखिर वनवास के दौरान पीले रंग के कपड़े क्यों पहनती थीं माता सीता?

ram sita

भगवान राम और सीता

धर्म डेस्क। भारत में शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा, जो रामायण और भगवान श्रीराम के बारे में न जानता हो। हिंदू धर्म में रामायण को सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है, जिसमें भगवान श्रीराम की गाथा लिखी गई है। हालांकि, रामायण से जुड़ी कई बातों से आज भी लोग अनजान हैं। कुछ इसी तरह का एक सवाल कौन बनेगा करोड़पति के 12वें सीजन में पूछा गया। सवाल ये था कि रावण द्वारा अपहरण के दौरान माता सीता ने कौन से रंग के कपड़े पहने हुए थे?

रामायण से जुड़े इस सवाल के जवाब नहीं दे पाने पर हॉट सीट पर बैठी प्रतिभागी ने प्रतियोगिता से बाहर निकलने का फैसला कर लिया। वैसे इस सवाल का सही जवाब पीला रंग है। भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने पूरे वनवास के दौरान केवल पीले रंग के वस्त्र धारण किए थे। इस रंग के कपड़े पहनने के पीछे भी एक बड़ी वजह है।

भगवान राम को 14 साल के वनवास में रहने का आदेश मिलने के बाद माता सीता ने भी साथ जाने का फैसला किया। वनवास का मतलब ही होता है कि सारे मोह-माया और सबसे अहम तौर पर वैभव का त्याग करना। ऐसे में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने अपने आभूषणों से लेकर राजसी कपड़ों का त्याग कर दिया और इनकी बजाए पीले रंग के कपड़े पहन लिए।

वैसे साधु-संतों में गेरुए रंग के कपड़े पहनने की परंपरा है। मान्यता है कि गेरुए रंग के कपड़े संसार त्याग को दर्शाते हैं। गेरुए रंग के कपड़े पहनने का मतलब केवल गृहत्याग ही नहीं, बल्कि गृहस्थ जीवन को भी छोड़ देना होता है। बता दें कि राम-सीता संन्यास लेकर नहीं बल्कि वचनबद्ध होकर वनवास जा रहे थे, लिहाजा उन्होंने गेरुए की जगह पीले रंग के वस्त्रों को चुना।

बता दें कि भारतीय संस्कृति खासकर हिंदू धर्म में भगवा और पीले रंग का बहुत खास महत्व है। धार्मिक और महत्वपूर्ण कामों में इन दोनों रंगों की महत्ता को सबसे ऊपर रखा गया है। मान्यता ये भी है कि ये दोनों रंग देवताओं को बहुत प्रिय हैं।

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