इस वर्ष रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का पर्व दो दिन 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को राखी (Rakhi) बांधती हैं। वहीं, भाई अपनी बहन को गिफ्ट के साथ उसकी रक्षा का वचन देता है। हालांकि इस साल 30 अगस्त को भद्रा (Bhadra) पड़ेगी। हिंदू धर्म में मान्यता है कि भद्रा में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं भद्राकाल में राखी न बांधने के पीछे का कारण।
कौन हैं भद्रा (Bhadra) ?
भद्रा (Bhadra) शनि देव की छोटी बहन है। मान्यता है कि भद्रा का जन्म राहुकाल में हुआ था। इस कारण भद्रा का स्वभाव से उग्र और अशांत हैं। वह जिसके लिए बुरा सोचती है, उसके साथ बुरा हो जाता है। यहां तक कि भद्रा ने अपने भाई शनि के लिए बुरा सोचा था। तब शनिदेव को जीवन में कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ा था।
मान्यता है कि भगवान शिव ने भद्रा को काल का रूप दिया, ताकि यह समय दंड के तौर पर मनुष्य के जीवन में आए। इस कारण भद्रा को अशुभ माना जाता है। यही कारण है कि भद्रा काल में शुभ काम निषेध होते हैं।
क्यों भद्रा (Bhadra) में राखी नहीं बांधते?
पौराणिक कथा के अनुसार, सूपर्णखा ने अपने भाई रावण को भद्रा (Bhadra) में राखी (Rakhi) बांधी थी। इसके बाद उसने दशानन को झूठ बोलकर सीता हरण के लिए उकसाया था। इसके बाद रावण का सर्वनाश हुआ। देवी-देवाताओं के कहने पर भद्रा ने रावण की मृत्यु के समय अपना साया डाला था। भद्र काल में राखी बांधने से रावण का पूरा कुल नष्ट हो गया।
वहीं, एक कथा है कि भद्रा ने शनि को राखी (Rakhi) बांधने की इच्छा जताई थी। तब भद्रा के राखी बांधने से शनिदेव संकटों से घिर गए थे। उस दौरान महादेव ने शनि की रक्षा की थी। इस कारण भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है।