धर्म डेस्क। नाग पंचमी का पर्व 25 जुलाई को मनाया जाएगा। हर साल यह पर्व सावन माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन सांपों (नाग देवताओं) को पूजने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माना जाता है कि इस दिन नागदेव की पूजा करने से कुंडली के राहु और केतु से संबंधित दोष दूर होते हैं। सांप के भय एवं सर्पदंश से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन कालसर्प योग की पूजा भी करवाई जाती है। इस दिन महिलाएं सर्प को भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं और भाई से अपने परिजनों की रक्षा का आशीर्वाद मांगती हैं। आइए जानते हैं नाग पंचमी का मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व।
नाग पंचमी का मुहूर्त (Nag Panchami Muhurat 2020)
- पंचमी तिथि प्रारंभ – 14:33 (24 जुलाई 2020)
- पंचमी तिथि समाप्ति – 12:01 (25 जुलाई 2020)
- नाग पंचमी पूजा मुहूर्त – 05:38:42 बजे से 08:22:11 बजे तक
- अवधि – 2 घंटे 43 मिनट
नाग पंचमी के दिन
कहते हैं नाग पंचमी की पूजा का संबंध धन से जुड़ा हुआ है। दरअसल शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि नाग देव गुप्त धन की रक्षा करते हैं। इस कारण यह माना जाता है कि नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन में धन-समृद्धि का भी आगमन होता है। इस दिन व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसे इस दोष से बचने के लिए नाग पंचमी का व्रत करना चाहिए।
नागपंचमी के दिन इन आठ नागों की होती है पूजा
- अनन्त 2. वासुकि 3. पद्म 4. महापद्म 5. तक्षक, 6. कुलीर 7. कर्कट 8. शंख।
नाग पंचमी की पूजा विधि
- नाग पंचमी व्रत के लिए तैयारी चतुर्थी के दिन से ही शुरू हो जाती हैं।
- चतुर्थी के दिन एक समय भोजन करें।
- इसके बाद पंचमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- पूजा के लिए नागदेव का चित्र चौकी के ऊपर रखें।
- फिर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें।
- कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर लकड़ी के पट्टे पर बैठे सर्प देवता को अर्पित करें।
- पूजा के बाद सर्प देवता की आरती उतारी उतारें।
- अंत में नाग पंचमी की कथा अवश्य सुनें।