नई दिल्ली| देश में महिलाओं के नेतृत्व वाले छोटे उद्यमों पर कोविड-19 महामारी के विपरीत प्रभाव ने सामाजिक-आर्थिक अंतर को और बढ़ाया है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। छठवीं आर्थिक जनगणना के मुताबिक देश में करीब 80 लाख इकाइयों की मालिक महिला उद्यमी हैं और यह देश में कुल इकाइयों का करीब 13 प्रतिशत है।
आंध्र प्रदेश के क्रिया विश्वविद्यालय में ‘लीड और ग्लोबल अलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप (गेम) के संयुक्त अध्ययन में देश में छोटे कारोबारों पर कोविड-19 के असर का पता लगाया गया।
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यह सर्वेक्षण मई में शुरू हुआ और यह जनवरी तक चलेगा। इसमें लैंगिक आधार पर आंकड़े जुलाई-अगस्त में एकत्रित किए गए। करीब 1,800 सूक्ष्म इकाइयों के बीच सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण उत्तरी क्षेत्र में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दक्षिण क्षेत्र में तमिलनाडु और पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में किया गया।
मासिक तौर पर 10,000 रुपये से कम लाभ बनाने वाली इकाइयों में महिलाओं द्वारा संचालित इकाइयों का प्रतिशत 43 है जबकि पुरुषों की श्रेणी में यह केवल 16 प्रतिशत है। इसी तरह बिना किसी सहयोगी के अकेले इकाइयां चलाने वाली महिलाओं का प्रतिशत 40 है जबकि पुरुषों की श्रेणी में यह मात्र 18 प्रतिशत है।