गाजीपुर। माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत के बाद यूपी के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए हैं। बांदा से लेकर गाजीपुर, मऊ जिले तक भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स को भी उतारा गया है, ताकि किसी भी गड़बड़ी से तत्काल निपटा जा सके। इस बीच कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय (Piyush Rai) ने मुख्तार अंसारी की मौत पर प्रतिक्रिया दी है। उनके सोशल मीडिया अकाउंट (फेसबुक) पर लिखा गया कि कोई सौहार्द नहीं बिगड़ेगा। गाजीपुर में खुशी का माहौल है।
बता दें कि 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanad Rai) की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को करवाने का इल्जाम मुख्तार अंसारी पर लगा था। अब मुख्तार की मौत के बाद कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय के फेसबुक पर लिखा गया है कि “कौन कहता है की गाजीपुर का सौहार्द बिगड़ेगा विधानसभा मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) में खुशी का माहौल, पूरी रात दिवाली मनी। अपराधी के अपराध के बहिखाते का अंत।”
इससे पहले पीयूष राय ने एक और पोस्ट लिखा था- “कर्म के दायरे से जब तुम उतरोगे, तो उसकी सजा तुम्हें तड़पने तक नहीं छोड़ेगी।” राय की इस पोस्ट पर हजारों यूजर्स ने रिएक्ट किया है।
कैसे हुई मुख्तार की मौत?
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई। मुख्तार को मौत से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की।
जानकारी के मुताबिक, कल शाम साढ़े 6 बजे मुख्तार की बांदा जेल में तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और करीब साढ़े 8 बजे के आसपास उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां उसका इलाज चला। उसे आईसीयू से सीसीयू में शिफ्ट किया गया। मगर इलाज के दौरान मुख्तार की मौत हो गई।
जरायम की दुनिया से लेकर राजनीति के गलियारों तक बोलती थी मुख्तार की तूती
मालूम हो कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ 66 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। हालांकि, लगभग 35 मुकदमे में मुख्तार अंसारी बरी भी हो चुका था। जबकि, 21 मुकदमे विभिन्न अदालतों में विचाराधीन चल रहे थे। वहीं 8 मुकदमे में कोर्ट ने मुख्तार को सजा सुनाई थी।