मांड्या। रिटायर्ड प्रोफेसर और लेखक केएस भगवान (KS Bhagwan) ने भगवान श्रीराम को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। केएस ने कहा कि राम-सीता को वन में भेज देते थे, उनकी कोई फिक्र नहीं करते थे। एक शूद्र का सिर भी काटा था। फिर वो आदर्श कैसे हैं? वो 20 जनवरी को कर्नाटक के मांड्या में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
केएस भगवान (KS Bhagwan) ने श्रीराम पर क्या कहा
रिटायर्ड प्रोफेसर केएस भगवान (KS Bhagwan) ने कहा, “श्रीराम दोपहर में सीता के साथ बैठते थे। दिनभर शराब पीते रहते थे। सीता को वन में भेज देते थे। उन्हें सीता की कोई फिक्र नहीं थी। पेड़ के नीचे प्रायश्चित कर रहे शाम्बूक का सिर काट दिया था। वो आदर्श कैसे हो सकते हैं?
राम राज्य बनाने की चर्चा होती है। अगर कोई वाल्मीिक की रामायण का उत्तर कांड पढ़ेगा तो उसे पता चल जाएगा कि श्रीराम आदर्श नहीं थे। उन्होंने 11 हजार साल नहीं, बल्कि 11 साल तक राज किया था।’
पहले भी भगवान राम पर दिया था विवादित बयान
यह पहला मौका नहीं है जब केएस भगवान ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने 2019 में भी दावा किया था कि भगवान राम नियमित रूप से शराब पीते थे और उन्होंने सीता को भी शराब पिलाई थी। इस बारे में उन्होंने अपनी किताब ‘राम मंदिर यके वेद’ में भी लिखा है। केएस भगवान ने उस किताब में रामायण के बारे में कुछ ऐसे शब्द भी लिखे थे, जिस पर विवाद हुआ था। मामला इस हद तक बढ़ गया था कि सरकार को उनके घर के बाहर सुरक्षा लगानी पड़ी थी।
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2015 में गीता के पन्ने जलाने की बात कही थी
इससे पहले कन्नड़ लेखक केएस ने 2015 में हिंदू धर्म ग्रंथ भगवद गीता के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा कि वह गीता के कुछ पन्ने जलाएंगे। तब भी पुलिस ने लेखक के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का केस दर्ज किया था।
BJP की अपील- केएस भगवान (KS Bhagwan) को जेल में डालों
केएस भगवान (KS Bhagwan) के इस बयान पर कर्नाटक के बीजेपी नेताओं में गुस्सा है। BJP नेता विवेक रेड्डी ने सरकार से कन्नड़ लेखक के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। विवेक ने कहा- “यह सबसे अश्लील और घटिया तरह का हमला है। यह केएस भगवान की घटिया मानसिकता को दर्शाता है। उनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। अगर उन्होंने यह किसी दूसरे देश में कहा होता, तो उन्हें क्या-क्या देखना पड़ता। भारत बहुत सहिष्णु देश है, लेकिन हम अपने देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। हर चीज की एक सीमा होती है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि उन्हें सलाखों के पीछे डालें।”