नई दिल्ली| धर्मा प्रॉडक्शन के पूर्व कर्मचारी क्षितिज प्रसाद ने आरोप लगाया है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने ब्लैकमेल करके उनपर करण जौहर को फंसाने का दबाव बनाया। क्षितिज की गिरफ्तारी के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी के दौरान उनके वकील सतीश मानशिंदे ने दावा किया कि एनसीबी के अधिकारियों ने उनके क्लाइंट पर दबाव डाला कि अगर वह करण जौहर और उनकी कंपनी के दूसरे लोगों के ड्रग्स लेने की बात मान लेंगे, तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा।
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हालांकि, NCB के डिप्टी डीजी अशोक जैन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा कि जांच पूरी तरह से प्रोफेशनल तरीके से हो रही है।
सतीश मानशिंदे ने कहा कि बयान देने के लिए उनके क्लाइंट का एनसीबी के द्वारा उत्पीड़न और ब्लैकमेल किया गया है। मानशिंदे के मुताबिक, क्षितिज ने कोर्ट को बताया कि उनका बयान समीर वानखेड़े ने लिया था, जो NCB की मुंबई यूनिट के हेड हैं।
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वकील के मुताबिक, “समीर वानखेड़े के अलावा NCB के अन्य अधिकारियों का व्यवहार सौहार्दपूर्ण था और रात को क्षितिज को सोने की आरामदायक व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई। अगली सुबह जब क्षितिज का बयान रिकॉर्ड होना शुरू हुआ तो समीर वानखेड़े ने अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में साफ-साफ कह दिया कि वह (क्षितिज) अगर करन जौहर और धर्मा प्रॉडक्शन के अन्य लोगों के ड्रग्स लेने की बात कहेंगे दो तो छोड़ दिया जाएगा। क्षितिज ने ऐसा कहने से मना कर दिया क्योंकि वह इनमें से किसी को भी निजी तौर पर जानते तक नहीं थे और किसी को झूठे तरीके से फंसाना नहीं चाहते थे।”