भारत का माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में चैट के साथ ही हिंदी में बातचीत का शीर्ष प्लेटफॉर्म भी बन गया है। कू के 1 करोड़ उपयोगकर्ता में से लगभग 50 प्रतिशत उपयोगकर्ता हिंदी में बातचीत करते हैं। इसके अलावा, इस प्लेटफार्म पर 5.2 करोड़ कू में से लगभग आधे हिंदी हैं। गैर-अंग्रेजी भाषाओं में एक माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराकर कू ने अपनी मूल भाषाओं में सहज लोगों के लिए ऑनलाइन बातचीत में भाग लेने और संलग्न होने का अवसर प्रदान किया है।
टेक कंपनी जियुन ने भारत में लांच करे स्मूथ-क्यू3 और वीबिल गिम्बल
कू के एक प्रवक्ता ने कहा, “अधिकांश भारतीय देशी भाषाओं में संवाद करते हैं, जिससे वे सोशल मीडिया चर्चा से बाहर हो जाते हैं, जो कि ज़्यादातर अंग्रेजी में होती है। जैसा कि हम अगले अरब उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट पर लाने और गैर-अंग्रेजी बोलने वाले दर्शकों के प्रति पक्षपात को दूर करने की इच्छा रखते हैं, ऐसे में कू भारत की आवाज़ को लोकतांत्रिक बनाने के मिशन पर है। कू ने एक ऐसी जगह बनाई है जहां भारतीय जो अपनी मातृभाषा बोलने में सहज हैं, अपने ख़्याल और विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकते हैं। इसके उपयोगकर्ताओं को उनकी पसंदीदा भाषा में कू करने में सक्षम बनाता है और आश्वस्त रहता है कि उनके समुदाय का एक बड़ा हिस्सा स्पष्टीकरण के बिना उसका संदर्भ को समझ जाए। कू लोगों और समुदायों को एकजुट करने वाले कारक के रूप में भाषा का उपयोग करके एक साथ लाना चाहता है।”