लखनऊ । लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे प्रस्तावित रिवर फ्रंट (Kukrail River Front) अहमदाबाद में स्थित साबरमती रिवर फ्रंट जैसा मनोरम और आधुनिक सुविधाओं वाला हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के निर्देश पर कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के क्रम में साबरमती रिवर फ्रंट, अहमदाबाद के अध्ययन के लिए गठित समिति द्वारा पिछले वर्ष ही इसका स्थलीय निरीक्षण एवं भ्रमण कर लिया गया है। रिवर फ्रंट (Kukrail River Front) बनाने की कार्यवाही लखनऊ नगर निगम के तहत पूर्ण की जाएगी। इसके लिए नगर निगम द्वारा एसपीवी के गठन से संबंधित ड्राफ्ट शासन को उपलब्ध कराया गया है, जो कि लखनऊ रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. के नाम से होगा।
जल्द तैयार होगा डीपीआर
कुकरैल नदी (Kukrail River) के किनारे रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के लिए संबंधित कंसल्टैंट द्वारा डीपीआर तैयार किए जाने की कार्यवाही की जा रही है तथा जल्द ही सीएम के समक्ष इसका प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार के विजन के अनुरूप कुकरैल नदी को पुनर्जीवित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके साथ ही सीएम योगी (CM Yogi) के निर्देश पर विभागों को कुकरैल नदी (Kukrail River) को अविरल, निर्मल और प्रदूषणमुक्त किए जाने के मिशन पर लगाया गया है। इसका उद्देश्य गंदे नालों को कुकरैल में प्रवाहित होने से रोकना, नदी तट का सौन्दर्यीकरण, साइट डेवलपमेंट और ग्रीन बेल्ट विकसित करना है।
नदी में नहीं जा सकेगा नालों का पानी
मुख्यमंत्री द्वारा कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त और पुनर्जीवित करने के लिए नदी में गिरने वाले 39 नालों को इंटरसेप्ट करने के निर्देश दिए गए थे। इस क्रम में प्रथम चरण में 17 नालों को टेप करने का कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। वहीं 12 नालों का आईडी कार्य क्रियाशील है और शेष इस महीने तक पूरा हो जाएगा। द्वितीय चरण में 22 नालों को टैपिंग कर 6 एमएलडी अशोधित सीवेज को कुकरैल नदी में गिरने से रोका जाएगा।
वहीं तृतीय चरण में न्यूनतम जल प्रवाह बनाए रखने के लिए 40 एमएलटी क्षमता का एसटीपी बनाकर शोधित ट्रीटेड एफ्लुएंट को कुकरैल नदी में अपस्ट्रीम में छोड़ा जाएगा। अकबरनगर में नगर निगम की जमीन पर अवैध निर्माण ध्वस्त करने के बाद 1.50 हेक्टेयर भूमि पर एसटीपी का कार्य किया जाएगा।
जल स्रोतों को किया जाएगा पुनर्जीवित
कुकरैल नदी (Kukrail River) में पानी की अविरल आपूर्ति के लिए वन क्षेत्र में कुकरैल नदी के जल स्रोतों और जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए वॉटरपॉन्ड बनाए जाएंगे। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में जल स्रोतों और जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग और लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा कार्य किया जा रहा है।
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उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा 40 एमएलडी एसटीपी से पानी नदी में छोड़ा जाना प्रस्तावित है। वहीं सिंचाई विभाग द्वारा शारदा नगर के एस्केप चैनल से लगभग 5 से 15 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जाएगा।