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‘मुझे पता था कि मित्र अगर दुर्योधन निकल जाए तो….’, विवाद के बीच लखनऊ में बोले कुमार विश्वास

Kumar Vishwas

Kumar Vishwas

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को ‘अटल गीत गंगा’ कार्यक्रम हुआ, जिसमें हिंदी कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) भी पहुंचे थे। कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। कुमार ने एक बार फिर से रामायण और महाभारत को लेकर बयान दिया। इससे पहले उनके इसी तरह के बयान पर विवाद छिड़ गया था।

लखनऊ में बोलते हुए कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने कहा, “फिर कह रहा हूं, अपने बच्चों को रामायण पढ़ाओ, महाभारत पढ़ाओ और इसलिए पढ़ाओ की फायदा होगा, मुझे हुआ। मैंने महाभारत पढ़ी थी, तो मुझे पता था कि मित्र अगर दुर्योधन निकल जाए तो उसके रथ से उतर कर भागो, नहीं तो करण की तरह मारे जाओगे। मत पढ़ो उस कारण से, जो मैंने कहा था। इस कारण से पढ़ लो।”

कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने आगे कहा, “मैंने अयोध्या जाने के लिए चार्टर कर लिया, उसकी फोटो लग गई। तो कहा जाने लगा कि ये राम पर बोलते हैं और चार्टर पर जा रहे हैं। इस पर मैंने कहा कि ये कहां लिखा गया है कि चार्टर में हराम वाले ही जाएंगे, राम वाले नहीं जाएंगे।”

कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) पर क्यों हुआ था विवाद?

कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने मेरठ के एक कार्यक्रम में कहा था, “अपने बच्चों को सीता जी की बहनों और भगवान राम के भाइयों के नाम याद कराइए। एक संकेत दे रहा हूं, जो समझ जाएं, उनकी तालियां उठें। अपने बच्चों को रामायण पढ़वाएं और गीता सुनवाएं। अन्यथा ऐसा ना हो कि आपके घर का नाम तो रामायण हो, मगर आपके घर की लक्ष्मी को कोई और उठाकर ले जाए।”

कुमार विश्वास का बयान सुनकर कहा गया कि उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा और उनकी बेटी सोनाक्षी को निशाने पर लिया है। क्योंकि शत्रुघ्न सिन्हा के घर का नाम रामायण है, उनके बेटों के नाम लव और कुश है। इसी साल सोनाक्षी सिन्हा ने एक्टर जहीर इकबाल के साथ इंटरफेथ शादी भी की है। इस दौरान दोनों के अलग-अलग धर्मों से होने पर खूब बवाल भी मचा था। सोशल मीडिया पर कपल को ट्रोल किया गया था।

विवाद होने के बाद एक इंटरव्यू में कुमार विश्वास ने सफाई देते हुए कहा, “मैं गाजियाबाद, नोएडा में रहता हूं। वहां हर घर में किसी का नाम रामायण है, किसी का साकेत, नंदावन, गोकुल तो किसी का नाम श्रीधाम है। हमारे यहां यही 5-6 नाम होते हैं, इसी को लोग चुन लेते हैं। ईश कृपा या ऐसा कुछ रख लेते हैं।”

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