कुवैत सिटी। कुवैत ने सख्त कदम उठाते हुए भारतीय नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। गुरुवार सुबह कुवैत सरकार ने घोषणा की कि पहली अगस्त से भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान और फिलीपींस से आने वालों को छोड़कर अन्य देशों में रहने वाले कुवैती नागरिक और प्रवासी आवाजाही कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि भारतीय विदेश मंत्रालय को भारतीय नागरिकों पर लगाई गई इस पाबंदी की जानकारी है और वो इस मामले को प्रशासनिक स्तर पर सुलझाने की कोशिश कर रहा है।
आतंकी खतरे के कारण अयोध्या को सील करने की तैयारी, 4 अगस्त से नहीं मिलेगा प्रवेश
अरब न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया कम्यूनिटी सपोर्ट ग्रुप के अध्यक्ष राजपाल त्यागी ने बताया कि इस फ़ैसले से उन हज़ारों लोगों की नौकरियां चली जाएंगी जो भारत जाकर वहां महामारी की वजह से फंस गए हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे सैकड़ों परिवार हैं जिनके कुछ लोग कुवैत में रह गए हैं और कुछ भारत जाकर फंस गए हैं, और अब वो सब वापस आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि छुट्टियों पर गए लोग वापस नहीं पहुंचे तो उनकी नौकरियां जा सकती हैं, बहुत सारे लोगों का वीज़ा ख़त्म होने वाले हैं और आगे कुवैत का यही रुख रहा तो ये रिन्यू नहीं किया जाएगा।
इसके साथ हीं कुवैत की सरकार ने फ़ैसला लिया है कि वो पिछले तक़रीबन साढ़े तीन माह से बंद पड़ी अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं को एक अगस्त से फिर से शरू करेगी। मंगलवार को उन लोगों ने इस सिलसिले में प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को चिट्ठी भी लिखी है और सरकार से भारत से कुवैत के लिए विमान सेवा बहाल करने की अपील की है।
अफगानिस्तान के रिहाइशी इलाके में हुए पाकिस्तानी रॉकेट हमले में 9 लोगों की मौत
कुवैत में मौजूद सूत्रों और भारत सरकार के बयानों से ये समझा जाता है कि भारतीय नागरिकों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध की एक बड़ी वजह दोनों देशों, भारत और कुवैत के बीच विमानों की उड़ान को लेकर उपजा कलह भी हो सकता है।