नई दिल्ली। ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी अमेजन (Amazon) वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर छंटनी की तैयारी कर रही है, जो अगले हफ्ते से शुरू हो सकती है। कंपनी के इस Layoff प्लान के चलते भारत में कंपनी के कर्मचारियों पर भी नौकरी जाने का खतरा है। इस बीच भारतीय श्रम मंत्रालय (Indian Labour Ministry) ने सख्त रुख अपनाया है। कंपनी को नोटिस भेजा गया है और एक बड़ी अधिकारी को तलब किया है।
10,000 कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी
दरअसल, Twitter और Facebook में हजारों लोगों की छंटनी का मामला अभी थमा भी नहीं था और दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी जेफ बेजोस (Jeff Bezos) के नेतृत्व वाली एमेजॉन ने बड़ी छंटनी का ऐलान कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, एमेजॉन इस सप्ताह कॉर्पोरेट और IT क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 10,000 लोगों को बाहर करने की योजना बना रहा है।
ये छंटनी दुनिया भर में काम कर रहे कर्मचारियों में से की जाएगी, जिनमें भारतीय कर्मचारी भी शामिल हैं। गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक, एमेजॉन में फुल और पार्ट-टाइम कर्मचारियों की संख्या करीब 16 लाख थी।
लेबर मिनिस्ट्री ने थमाया नोटिस
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस छंटनी के खिलाफ लेबर मिनिस्ट्री ने एमेजॉन इंडिया के पब्लिक पॉलिसी मैनेजर को तलब किया है। इस जिम्मेदारी को संभाल रहीं स्मिता शर्मा को आज 23 नवंबर को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया है। इसमें कहा गया है कि कंपनी की ओर से संबंधित कर्मचारियों को 30 नवंबर की डेडलाइन के साथ वॉल्युंट्री सेपरेशन प्रोग्राम (Voluntary Separation Program) की डिटेल शेयर की गई है। इसके बाद से एमेजॉन के कर्मचारियों में डर का माहौल है।
कंपनी द्वारा साझा किए गए VSP डॉक्यूमेंट में कहा गया है, आपको सूचित किया जाता है कि Amazon एक वॉल्यूएंटरी सेपरेशन प्रोग्राम (VSP) लागू कर रहा है, जो कंपनी के AET ऑर्गेनाइजेशन के संबंधित कर्मचारियों के लिए अस्थायी रूप से उपलब्ध है। इसके तहत कर्मचारियों के पास नीचे दिए गए VSP लाभों के बदले स्वेच्छा से नौकरी से इस्तीफा देने का मौका होगा। कंपनी ने इसे स्वीकार करने के लिए कर्मचारियों को 30 नवंबर सुबह 6।30 बजे तक का समय दिया है।
कर्मचारी संघों की शिकायत पर एक्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के इस Layoff Plan को लेकर इसे लेकर कर्मचारी संघों ने नाराजगी जाहिर की है। NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा कि एमेजॉन के कर्मचारी, जिन्होंने कम से कम एक साल तक लगातार सेवाएं दी हैं उन्हें तब तक नौकरी से नहीं हटाया जा सकता है जब तक कि उन्हें तीन महीने पहले नोटिस नहीं दिया जाता है और सरकार से पूर्व अनुमति नहीं मिलती है।