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गणेश चतुर्थी पर करें ये उपाय, धन की कमी होगी दूर; कर्ज से मिलेगी मुक्ति

Ganesh Chaturthi

Ganesh Chaturthi

हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार मनाया जाता है। इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर के हो रही है। गणेश उत्सव (Ganesh Utsav)  हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर यह तिथि समाप्त होगी।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) के दौरान पूरे श्रद्धा-भाव के साथ बप्पा की पूजा की जाए, तो उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आपके जीवन में धन संबंधी कोई परेशानी चल रही है, तो गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)  के दिन पूजा के समय इस खास स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए।

कर्ज मुक्ति स्तोत्र

ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।

ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥

सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,

एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित: ।

दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत् ॥

ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।

ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥

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