लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस रविवार को मामले की जांच करने के लिए घटनास्थल पर पहुंची। पिछले रविवार को तिकुनिया इलाके में बीजेपी नेताओं, कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें चार किसानों समेत आठ की मौत हो गई थी।
मामले की जांच करने के लिए पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस के अधिकारियों ने दंगल कार्यक्रम स्थल के नजदीक लगे पेट्रोल पंप के सीसीटीवी कैमरे को भी खंगाला। बता दें कि आशीष मिश्रा से हुई पूछताछ के दौरान उसने पेट्रोल पंप पर मौजूद होने का जिक्र किया था। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अजय मिश्रा का बेटा आशीष इस मामले में मुख्य आरोपी है। आशीष मिश्र के बयानों को क्रॉस एग्जामिन करने के लिए डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल, सीओ गोला संजय नाथ तिवारी समेत पूरी टीम घटनास्थल पर मौजूद थे।
घटना के बाद किसानों ने आरोप लगाया था कि आशीष मिश्रा की गाड़ी से ही किसानों का रौंदा गया। इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने बीते दिना लखीमपुर खीरी का दौरा किया और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की थी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया, जहां पर सरकार और यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई गई।
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आखिरकार आशीष मिश्रा शनिवार को पूछताछ में शामिल होने के लिए पहुंचे, जहां पर उनसे 12 घंटे तक सवाल-जवाब किए गए। आखिकार पुलिस ने देर रात आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था। सूत्रों के मुताबिक आशीष 3 अक्टूबर को दिन में 2:36 से 3:30 बजे तक कहां था, इसका जवाब नहीं दे पाया।
आशीष मिश्र से शनिवार को सुबह 11 बजे से 6 लोगों की टीम ने पूछताछ की थी। इस दौरान आशीष से 40 सवाल पूछे गए। लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के दफ्तर में आशीष मिश्रा से मजिस्ट्रेट के सामने सवाल-जवाब हुए। लेकिन जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, वह क्राइम ब्रांच की ओर से पहली बार समन किए जाने के बाद पेश नहीं हुआ था, जिसके बाद उसे दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया।