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लखीमपुर हिंसा: तनाव के चलते प्रशासन ने बंद की इंटरनेट सेवाएं

Lakhimpur Kheri violence

Lakhimpur violence case

लखीमपुर खीरी के निघासन तहसील के तिकुनिया में हुई भीषण आगजनी और मारपीट के दौरान दो किसानों समेत छह लोगों की मौत हो गई। मरनेवालों में चार भाजपा समर्थक भी बताए जा रहे हैं।

घटना की सूचना पाकर लखनऊ मंडल के कमिश्नर और आईजी समेत कई आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। तिकुनिया में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया। यहां कई जिलों की फोर्स भी बुलाई गई है। वहीं, जिला प्रशासन ने लखीमपुर खीरी में अग्रिम आदेश तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है।

घटनाक्रम के मुताबिक खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित दंगल का समापन व पुरस्कार वितरण समारोह था। जिसमें प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था। बताया जाता है कि मुख्य अतिथि के आने की सूचना पाकर कई वाहन उनकी अगवानी करने बनवीरपुर के लिए निकले। तभी रास्ते में पहले से ही हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने इन वाहनों के काफिले को घेर लिया। जिससे अनियंत्रित होकर वाहन प्रदर्शनकारियों पर चढ गया। बताया जाता है कि इस हादसे में कई किसान घायल हो गए और इनमें मझगईं के चौगड़ा फार्म निवासी लवप्रीत सिंह की मौत हो गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुस्साई भीड़ ने भाजपा नेता आशीष मिश्र मोनू के वाहन पर हमला बोल दिया। इसमें आशीष तो भाग गए लेकिन, ड्राइवर हरिओम प्रदर्शनकारियों के हत्थे चढ गया। ड्राइवर को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया। वहीं, एक अन्य गाड़ी के चालक की भी पिटाई से मौत हुई है। बताया जाता है कि दलजीत सिंह, गुरुविंदर सिंह निवासी नानपारा, नक्षत्र सिंह निवासी धौरहरा की भी मौत हो गई है। दो अन्य लोग बहराइच जिले के थे। इस आगजनी में सांसद पुत्र आशीष मिश्रा मोनू की थार जीप प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। साथ ही कई अन्य वाहनों में भी आग लगा दी। मरने वालों में चार लोगों की पहचान नहीं हो पाई है।

लखीमपुर में हिंसक भिडंत में अब तक आठ की मौत, कई घायल

एक तरफ तिकुनिया जल रहा था तो दूसरी ओर जिले के अफसर अपने मोबाइल का स्वीच बंद करके बैठ गए या फिर उसे उठाया ही नहीं। इस आंदोलन में वास्तव में कितने किसानों की मौत हुई, कितने वाहन क्षतिग्रस्त हुए, कितने लोग जख्मी हुए इस बवाल का कारण क्या था। इसपर किसी भी अधिकारी ने प्रशासन की ओर से अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया। इसको लेकर पूरा दिन मरने वालों की संख्या को लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म रहा।

तिकुनिया कांड में दो लोगों के मारे जाने की बात सही है। घटना के दौरान चार वाहन भी जले है। ये घटना अचानक हुई है इसकी कोई भी जानकारी जिला प्रशासन को वहले से नहीं थी। किसानों को शांत कराया जा रहा है। तिकुनिया में अब हालात सामान्य हो रहे हैं। एहतियात के तौर पर वहां पुलिस बल को लगाया गया है। -संजय कुमार सिंह, एडीएम

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