लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur violence ) मामले का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू (Ashish Mishra) जेल से रिहा हो गया है। उसे लखीमपुर जेल के दूसरे गेट से बाहर निकाला गया। उसे सर्वोच्च अदालत ने 8 हफ्तों के लिए सशर्त जमानत दी है। इसके बाद शुक्रवार को उसकी रिहाई हुई है।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई करते हुए आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर कर ली थी। कोर्ट ने शर्त लगाई है कि आशीष मिश्रा इस दौरान यूपी और दिल्ली में नहीं रहेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि जमानत पर जेल से छूटने के एक सप्ताह में उसे उत्तर प्रदेश और दिल्ली छोड़ना होगा। आशीष (Ashish Mishra) केस से जुड़े गवाहों को धमकाने की कोशिश नहीं करेगा। जमानत पर रहने के दौरान आशीष मिश्रा, जहां भी होगा उसे वहां के थाने में हाजिरी लगानी होगी।
278 दिन बाद आज रिहा हो सकता है आशीष मिश्रा, एक हफ्ते के अंदर छोड़ना होगा यूपी-दिल्ली
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर केस में स्वत: संज्ञान लेते हुए बाकी सभी आरोपियों को भी बेल देने का आदेश दिया। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट इस मामले की निगरानी करेगा। ट्रायल कोर्ट को हर सुनवाई के बाद जानकारी सुप्रीम कोर्ट में भेजनी होगी।
14 मार्च को होगी सुनवाई
इस मामले में SC में अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने आशीष को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि बैलेंस यानी कानून और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाने के लिए लिया यह फैसला लिया गया है। आशीष कोर्ट को अपनी लोकेशन के बारे में बताता रहेगा, ताकि उस पर निगरानी रखी जा सके। साथ ही उसे अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा।
यह है मामला
लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में तीन अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू (Ashish Mishra) के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था। घटना में चार किसान की मौत हो गई थी। हिंसा भड़कने के बाद कुल 8 लोगों की जान गई थी।