लखीमपुर हादसे में बहराइच के दो किसानों की मौत के बाद लखीमपुर में हुए पोस्टमार्टम को परिजनों ने नकार दिया था। एक मृतक के परिवार वाले पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मानने को तैयार नहीं थे। वह दोबारा पोस्टमार्टम अपने डॉक्टरों के सम्मुख कराना चाहते थे।
इस मांग को लेकर प्रशासन और किसानों की कई दौर की बात हुई, किसानों के समर्थन में राकेश टिकैत भी आए, काफी जद्दोजहद के बाद रात को दोबारा पोस्टमार्टम कराए जाने की बात प्रशासन ने मान ली और 4 डॉक्टरों का पैनल लखनऊ से बुलाया गया। किसानों की संतुष्टि के लिए किसानों की तरफ से 2 डॉक्टर देखरेख के लिए खड़े हुए, इसके बाद 4:30 पर दोबारा पोस्टमार्टम सम्पन्न हो पाया। परिजनों ने बुधवार की सुबह अंतिम संस्कार कर दिया।
ज़िला अधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने बताया कि लखीमपुर हादसे में मृतक हुए लोंगों में दो युवक हमारे जनपद के हैं, जिसमें से एक परिवार के परिजनों द्वारा प्रथम पोस्टमार्टम पर सन्देह किया गया और उसे मानने से इनकार किया गया था, जिस पर शासन की प्राथमिकता के आधार पर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया। ताकि न्याय व्यवस्था में किसी का हस्तक्षेप न हो।
OMG! इस शख्स का बंद पड़ चुका दिल 3 साल बाद फिर धड़कने लगा
उन्होंने आगे कहा कि परिजनों के अनुरोध पर दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया है। लखनऊ से आई डॉक्टरों की टीम द्वारा सीएमओ की देख-रेख में पोस्टमार्टम कराया गया और उसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।
भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसवीर सिंह ने कहा कि अब हमें कोई दिक्कत नहीं, अब जो निर्णय आएगा, उसे हम मानेंगे और दाह संस्कार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
मटेरा इलाके के मोहरनिया निवासी मृतक गुरूविन्दर के चाचा ने कहा कि अब हम सन्तुष्ट हैं, डीएम और एसपी ने जो मुझसे जो वादा किया था, वह आज पूरा किया। मृतक किसान का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान लोगों का हुजूम उमड़ा रहा। सुरक्षा के मद्देनजर कई थानों की फोर्स तैनात रही। एएसपी ग्रामीण अशोक कुमार ने बताया कि शांति व्यवस्था के बीच अंतिम संस्कार हुआ।