लखीमपुर खीरी। यूपी के लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Violence) मामले में जेल में बंद सुमित जायसवाल सहित तीन आरोपी जिला जेल से रिहा कर दिए गए हैं। इस दौरान जेल के बाहर भारी भीड़ जमा हुई। हिंसा के वक्त सुमित जायसवाल उर्फ मोदी थार गाड़ी से कूदकर भागता दिखा था।
गौरतलब है कि हिंसा मामले में लखीमपुर जिला जेल में बंद सुमित जायसवाल, आशीष पांडे और रिंकू राणा को शुक्रवार को रिहा किया गया है। इससे पहले 27 जनवरी को इसी मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को जिला जेल से रिहा कर दिया गया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने निर्देश दिया था कि आशीष इस अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहेंगे।
लखीमपुर खीरी केस (Lakhimpur Violence) में आरोपी आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे हैं। आशीष मिश्रा पर लखीमपुर में किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप लगा था। बीते दिनों आशीष मिश्रा का बंद कमरे में ट्रायल (मुकदमे पर सुनवाई) कराए जाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा को ट्रायल का सामना करना होगा। हालांकि सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की तरफ से एक ही व्यक्ति कोर्ट में मौजूद रहेगा।
ये है पूरा मामला
लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इशारे पर थार से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था। घटना में चार किसान की मौत हो गई थी। हिंसा भड़कने के बाद कुल 8 लोगों की जान गई थी। यहां तीन कृषि कानून के विरोध में किसान धरना देने और मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जुटे थे। इस घटना में कई किसानों की मौत हो गई थी। कुछ घायल हुए थे। मंत्री पुत्र की कार के ड्राइवर को भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया था।